उदयपुर 21 नवम्बर / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक ट्रावेल, ट्यूरिज्म एवं होटल मैनेजमेंट विभाग की ओर से सोमवार को ‘‘ पर्यटन: चुनौतियाॅ एवं अवसर ’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता आईआईटीण्म ग्वालियर के डायरेक्टर डाॅ. संदीप कुलश्रेष्ठ ने कहा कि कोविड महामारी के बाद पर्यटनों की अपेक्षा काफी बदल गई है। डद्योगो की डिमांड बदल गई है। कोरोना का डर हर व्यक्ति के अंदर अभी भी है वह किसी भी रूप में पुनः आ सकता है। इसलिए मास्क लगाना जरूरी है। पर्यटन टच लेस ट्रावेल्स की ओर अधिक आकर्षित हो रहे है जिसमें बार कोड व टच के माध्यम से हर कार्य को किया जा सकता है। पर्यटन भीड में जाना पसंद नहीं करता है उसे शांत एवं एकांत स्थान पसंद करने लगा है। उन्होने कहा कि कोई भी पर्यटन किसी स्थान पर घूमने नहीं आता है, वह वहाॅ की सभ्यता एवं संस्कृति की एक झलक देखने को आता है वहाॅ पर मिलने वाली हास्पीलेटी व मानवीय संवेदना से प्रभावित होेने पर ही उस स्थान पर आता है। पर्यटको की पहली पंसद राजस्थान है। वहा यहाॅ के रीति, रिवाज से काफी प्रभावित होते है। आगामी दिनों में जी 20 की बैठक भी उदयपुर शहर में होने वाली है वह इसी का परिणाम है। हम कितना भी तकनीक का उपयोग कर ले लेकिन पर्यटन के क्षेत्र में मैन पाॅवर का उपयेाग कभी कम नहीं हो सकता, इसलिए विद्यार्थी अपनी इम्युनिटी को मजबूत रखे। आने वाले समय नेनो टेक्नोलाॅजी आने वाली है इस ओर भी विधार्थी अपने केरियर की शुरूआत कर सकते है। आज व्यक्ति स्मार्ट चीज पसंद करने लगा है यहाॅ तक की कुली भी स्मार्ट पसंद करता है।
अध्यक्षता करते हुए कुलपलि प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सबसे अधिक प्रभाव ट्यरिज्म पर पड़ा। लाखों व्यक्ति बेकार हो गये थे। आमजन को वेक्सिन लगने के बाद अब सारी चीजे सामान्य होती जा रही है। भारत की जीडीपी में 4.7 प्रतिशत भागीदारी ट्रिज्म की है। आज व्यक्ति विकेंड पर बाहर घुमना व खाना पसंद करता है। पर्यटन राजस्थान की परम्परा एवं सभ्यता से बहुत अधिक प्रभावित होते है इसलिए उसे सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। यहाॅ के कीले, महल, खान-पान, संगीत से पर्यटक यहाॅ खींचे चले आते है। वर्तमान में पर्यटन व्यवसास काफी चुनौतियाॅ है परन्तु उन चुनौतियाॅे का समझदारी के साथ सामना करते हुए पर्यटन को बढाना होगा। पर्यटन व्यवसाय को विभिन्न माध्यमों से बढाया जा सकता है जिसमें मुख्य रूप से पर्यटन स्थलों को ओर अधिक आकर्षित बनाया जाये और आवश्यक सुविधाअेां का भी उस स्थान पर समावेश किया जाये। साथ ही इलेक्ट्रोनिक मिडिया के माध्यम से पर्यटन स्थलों की विस्तृत जानकारी प्रसारित की जाये। पर्यटनों को आकर्षित पैकेज भी दिये जाये जिससे पर्यटको को बढावा मिलेगा।
संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माॅ सरस्वती की तस्वीर पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर डाॅ. हीना खान, डाॅ. नीरू राठौड़, डाॅ. शिल्पा कंठालिया, डाॅ. प्रेरणा भाटी, डाॅ. विवेक शर्मा, डाॅ. विनीत जैन, डाॅ. दिनेश श्रीमाली, डाॅ. प्रिंस पाॅयस सहित विधार्थी उपस्थित थे।