उदयपुर। जिले की यात्रा पर आए सोलह सदस्यीय फ्रांसीसी दल ने गुरुवार को बड़ी तालाब पर ग्रीन पीपल समिति द्वारा पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने हेतु किये जा रहे कार्यों का अवलोकन किया । जिसमें विशेषतः बड़ी तालाब में महासीर मछली के संरक्षण पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। ग्रीन पीपल समिति के अध्यक्ष राहुल भटनागर ने स्थानीय जन सहयोग से महासीर मछली के संरक्षण एवं वन्य जीव प्रबंधन में जन सहभागिता के महत्व को समझाया । इस अवसर पर उपवन संरक्षक वन्य जीव उदयपुर द्वारा आगंतुकों को वन्य जीव संरक्षण संबंधी विभिन्न पहलुओं जैसे इकोटोन पार्क , सज्जनगढ़ अभयारण्य , बड़ी तलब पाल उद्यान प्रबंधन व संरक्षण हेतु किए जा रहे वन विभाग के कार्यों की जानकारी दी। डॉ सतीश शर्मा द्वारा महासीर संरक्षण , वन , पर्यावरण एवं वन्य जीवों के संरक्षण कार्यो में वन विभाग व ग्रीन पीपल समिति की साझेदारी की जानकारी दी। डॉ सतीश शर्मा द्वारा ग्रीन पीपल समिति द्वारा कराई जा रही विभिन्न गतिविधियों जैसे कोरोना काल में ऑक्सीमीटर बांटना , पशुपालन गतिविधियां उन्नत किस्म के बकरे बांटना , मत्स्य पालन गतिविधियां एवं कृषि क्षेत्र में ग्रामीणों को उपलब्ध कराई गई कृषि विकास हेतु सामग्रियां व तकनीकी जानकारियों के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि बड़ी झील स्वच्छ पानी की इकलौती झील है जिसमें किसी भी तरह का प्रदूषण अभी तक नहीं है । सुहेल मजबूर ने आसपास के वन खण्डों में विगत 15 वर्षों से इको टूरिज्म , बर्ड वाचिंग , इको ट्रेल आदि जैसी गतिविधियां, विद्यार्थियों एवं प्रकृति प्रेमियों के साथ ग्रीन पीपल समिति , डब्लू डब्लू एफ एवं वन विभाग द्वारा मिलकर आयोजित की जाने की जानकारी दी । इस्माइल अली द्वारा महासीर मछली एवं अन्य प्रजातियों की मछलियों के बारे में जानकारी देते हुए महासीर के प्रजनन चक्र के बारे मे जिसमें मछली के अंडे देने की प्रक्रिया से लेकर बरसात में उन स्थलों से बहकर वापस झील में आने तक की जानकारियां दी।
इससे पूर्व भी दो फ्रांसीसी दल ग्रीन पीपल समिति के साथ मेनार जलाशय का भ्रमण कर चुके हैं । तथा जलाशयों पर विभिन्न प्रवासी एवं अप्रवासी पक्षियों की समस्त गतिविधियां देखकर अभीभूत हुए । टूरिज्म विभाग के एडिशनल डायरेक्टर सुमिता सरोच द्वारा उदयपुर संभाग के क्षेत्र में टूरिज्म संबंधी जानकारी से अवगत कराया गया । फ्रांसीसी दल द्वारा बड़ी पाल पर आए ग्रामीणों से चर्चा की गई एवं उनके सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत की जानकारी ली गई एवं उनके संरक्षण के प्रयासों की भूरी भूरी प्रशंसा की गई।।
फ्रांसीसी दल का बड़ी तालाब पर भ्रमण
