जीवन से बढ़ कर कुछ नहीं, लू-तापाघात के बचाव के करें बेहतर प्रबंध – जिला कलक्टर

जिला कलक्टर ने ली ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की बैठक
आमजन के साथ के साथ पषु-पक्षियों के लिए जरूरी व्यवस्थाएं सुनिष्चित करने की हिदायत
अस्पतालों में बिजली-पानी और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश
उदयपुर, 9 अप्रेल। जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि जीवन से बढ़कर कुछ नहीं है। प्रदेश में गर्मी के तेवर तीखे हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने लू-तापाघात से बचाव के लिए हर संभव बेहतर प्रबंधन के निर्देश दिए हैं। अधिकारी यह सुनिष्चित करें कि उनके क्षेत्र में हीट वेव से न केवल मनुष्य अपितु पशु-पक्षी भी प्रभावित न हों। इसके लिए सभी जरूरी व्यवस्था तत्काल प्रभाव से सुनिष्चित की जाएं। हीट वेव प्रबंधन में किसी भी प्रकार की कौताही बर्दाष्त नहीं की जाएगी।

जिला कलक्टर मेहता बुधवार को डीओआईटी सभागार में हीट वेव प्रबंधन को लेकर जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की वीसी के माध्यम से आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हीट वेव को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी एसओपी पर चर्चा करते हुए पीएचईडी, चिकित्सा, शिक्षा, पशुपालन, पंचायतीराज व नगरीय निकाय विभागों के अधिकारियों से बिन्दुवार जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपस में समन्वय के साथ कार्य करते हुए सुनिष्चित करें कि जिले में हीटवेव के चलते किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हो। वीसी में एडीएम प्रषासन दीपेंद्रसिंह राठौड़, सीईओ जिला परिषद रिया डाबी, नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, सीएमएचओ डॉ अषोक आदित्य, पीएचईडी एसई ललित नागौरी, एमबी अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरएल सुमन सहित सभी संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। साथ ही जिले के सभी उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी सहित संबंधित विभागों के ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े।

यह दिए निर्देश
– शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थलों पर आमजन के लिए छाया, पेयजल की व्यवस्था की जाए। साथ ही पशु-पक्षियों के लिए भी दाने-पानी की व्यवस्था रखें।
– निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिष्चित की जाए
– निर्धारित अंतराल में पेयजल आपूर्ति हो
– पेयजल की दृष्टि से संवेदनषील चिन्हित गांवों की स्थिति पर नजर रखते हुए टैंकरों से जलापूर्ति प्रारंभ की जाए
– नरेगा कार्यस्थलों पर छाया-पानी और जरूरी दवाईयों की व्यवस्था रहे
– चिकित्सा संस्थानों में राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की बैठक कर जरूरी संसाधनों की व्यवस्था सुनिष्चित की जाए
– अस्पतालों में पेयजल, बिजली आपूर्ति, पंखें-कूलर की उपलब्धता, जरूरी दवाओं की उपलब्धता, डेडिकेटेड वार्ड आदि सुनिष्चित किया जाए
– उपखण्ड अधिकारी अपने क्षेत्र की गौषालाओं व नंदी शालाओं का अवलोकन कर हीट वेव से बचाव की व्यवस्थाओं की जानकारी लेकर आवष्यकतानुसार प्रबंध कराएं
– निजी व राजकीय विद्यालयों में हवा-पानी व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाए।
– भीषण गर्मी के दौर में बच्चों की आउटडोर गतिविधियां नहीं की जाएं
– बच्चों सहित आमजन को हीटवेव के लक्षण और बचाव के संबंध में जागरूक किया जाए

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!