-महिलाओं के लिये होगा भव्य म्हारी घूमर का आयोजन
-पहली बार पिछोला में दिखेगा कयाकिंग एण्ड केनोइंग का प्रदर्षन व करतब एवं
-शहर के प्रमुख चोराहों पर होगा महापुरूषों की प्रतिमाओं का दुग्धाभिशेक और पूजन
-सर्व समाज को जोड़ने ज्योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा देगी संस्कार, संस्कृति का संदेश
-25 हजार शुभकामना संदेश कार्ड देकर देंगे नव संवत्सर की शुभकामनाएं
उदयपुर 18 मार्च। अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति द्वारा आयोजित नववर्ष के आलोक संस्थान, नगर निगम उदयपुर, उदयपुर विकास प्राधिकरण, सर्व समाज, संगठन के साथ पन्द्रह दिवसीय कार्यक्रम की घोशणा आज यहाँ आलोक संस्थान के चित्तमथ सभागार में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के राश्ट्रीय सचिव डाॅ. प्रदीप कुमावत द्वारा की गई। डाॅ. कुमावत ने कहा कि अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति द्वारा पहली बार महिलाओं के लिये म्हारी घूमर का भव्य आयोजन किया जायेगा। महिलाओ और बालिकाओ के लिए म्हारी घूमर कार्यक्रम का भव्य आयोजन 22 मार्च 2025 शनिवार को श्रीराम क्रीड़ा मैदान, आलोक संस्थान, हिरणमगरी सेक्टर-11, उदयपुर मे साँय 6 बजे भव्य आयोजन किया जायेगा! यह आयोजन विशेष रूप से महिलाओं और बालिकाओं के लिए समर्पित है, ताकि वे अपने पारंपरिक लोक नृत्य, लोक वेशभूषा और सांस्कृतिक धरोहर से गहरा जुड़ाव महसूस कर सकें। इस आयोजन की थीम नववर्ष, नव ऊर्जा, नव हर्ष, म्हारी घूमर में संस्कारों की छाँव, मातृशक्ति की सजीव आभा निराली रखी गई है! यह थीम भारतीय नववर्ष की सकारात्मक ऊर्जा, हमारी सांस्कृतिक विरासत और मातृशक्ति के अद्भुत योगदान को समर्पित है।दिनांक 24 और 25 मार्च को विक्रम विरासत परिक्रमा होगी तथा पुरुषार्थ अभिषेकम् और महापुरुष महात्म पूजन कार्यक्रम आयोजित होगा। इसके अंतर्गत जितने भी महापुरुषों की प्रतिमा उदयपुर में लगी हुई हैं उनका दुग्धाभिषेक कर वहीं पर स्थानीय लोगों के माध्यम से समाजसेवियों का सम्मान किया जाएगा।दिनांक: 18 मार्च, 2025 मंगलवार को सायं 5.30 बजे नेला तालाब पर वरुण वंदन – महावीर अभिनंदन का कार्यक्रम आयोजित होगा। इसमें जल देवता वरुण का पूजन का आयोजन होगा । ।दिनांक 19 मार्च 2025, बुधवार को कलश स्थापना श्रीराम मंदिर आलोक संस्थान में 12.15 बजे होगी। जबकि सायंकाल 7 बजे दिव्य भजन संध्या का आयोजन आर्ट आॅफ लिविंग के द्वारा श्रीराम मंदिर में किया जाएगा।दिनांक 20 मार्च 2025 गुरूवार को आहवानम् कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसे आमंत्रण यात्रा के रूप में निकाला जाएगा। आलोक इन्टरेक्ट क्लब फतहपुरा द्वारा आमंत्रण यात्रा मध्याह्न 3 बजे अंबेरी से निकाली जायेगी। अंबेरी से प्रारंभ होकर हाथीपोल तक पहुंचेगी। सायं 5 बजे आलोक इन्टरेक्ट क्लब पंचवटी के सदस्य गुड़ी पाड़वा बनाकर हाथीपोल से जगदीश चैक तक पदयात्रा आमंत्रण यात्रा के रूप में निकालेंगे। दिनांक 21 मार्च 2025 शुक्रवार को विक्रम रंगोली प्रतियोगिता रंगोली के रंग संस्कारों के संग सायंकाल 4 से 5. 30 बजे सत्यार्थ प्रकाश न्यास के बाहर की ओर रंगोली सजा कार्यक्रम आयोजित करेगी। इसमें बालिकाएं और महिलाएं सीधे लाइव जुड़ सकती हैं तथा आॅनलाइन भी इस प्रतियोगिता में प्रविष्टियाँ भेज सकेंगी।दिनांक 22 मार्च 2025 शनिवार को शक्ति भक्ति और नृत्य कार्यक्रम म्हारी घूमर का आयोजन श्रीराम उद्यान आलोक संस्थान सेक्टर-11 में सायं 6 बजे से होगा जिसमें 1008 महिलाएं म्हारी घूमर कार्यक्रम के अंतर्गत नृत्य, गीत, संगीत और पारंपरिक वेश भूषा पहनकर सम्मिलित होगी। इस अवसर पर एक छोटा मेला भी लगाया जाएगा जिसमें व्यंजन होंगे, तंदूरी चाय, चटपटे खाने के स्टाॅल इत्यादि होंगे। इस कार्यक्रम में केवल महिलाओं की भागीदारी रहेगी। पुरुष इसमें दर्शक के रूप में आ सकेंगे। दिनांक 23 मार्च 2025 रविवार को महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः 11.15 बजे गौ गंगा गायत्री पावन त्रिवेणी महोत्सव के रूप में गंगा मैया का जल ले जाकर महाकालेश्वर का अभिषेक किया जाएगा तथा गौ माता का पूजन कर गायत्री मंत्रों के साथ भव्य आरती के साथ वहां पर विशेष संवत्सर सम्मान का आयोजन होगा।दिनांक 24 और 25 मार्च को विक्रम विरासत परिक्रमा होगी तथा पुरुषार्थ अभिषेकम् और महापुरुष का पूजन कार्यक्रम आयोजित होगा। इसके अंतर्गत जितने भी महापुरुषों की प्रतिमा उदयपुर में लगी हुई हैं उनका दुग्धाभिषेक कर वहीं पर स्थानीय लोगों के माध्यम से समाजसेवियों का सम्मान किया जाएगा। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति के साथ प्रबल जैन एकता मंच, बजरंग सेना मेवाड,़ विप्र फाउंडेशन, विप्र महासेना, भारत विकास परिषद मेवाड, आलोक इंटरेक्ट क्लब, प्रताननगर विकास समिति इत्यादि इस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। संयोजक कमलेन्द्र सिंह पंवार ने बताया दिनांक: 26 मार्च 2025 बुधवार कि को राष्ट्र वंदन कार्यक्रम का आयोजन सायंकाल 5.30 बजे राष्ट्रीय एकता का महानाद भारत माता पूजन और वंदे मातरम गायन के साथ सूरजपोल पुलिस कंट्रोल रूम के पास आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में वंदे मातरम का गान भी होगा और अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यह बजरंग सेना मेवाड़ और आलोक इन्टरेक्ट क्लब मिलकर आयोजन करेंगे। षषांक टांक ने बताया कि दिनांक: 27 मार्च, 2025 गुरुवार को राजस्थान कयाकिंग एण्ड केनोइंग एसोसिएशन, क्रीडा भारती और समिधा संस्थान की ओर से भव्य आयोजन परशुराम घाट अंबापोल से लेकर और गणघोर घाट तक किया जाएगा और लोग चांदपोल के पुल जोधसिंह जी की पुलिया एवं गणगौर घाट से इन प्रदर्शनों को देख सकेंगे। तत्पश्चात हिंगलाज माता की ज्योति से मशाल प्रज्वलित कर उदयश्याम मंदिर (मेवाड़ विरासत) तक पहुंचाई जाएगी जहां भव्य आरती का आयोजन होगा। संयोजक निष्चय कुमावत ने बताया कि दिनांक 28 मार्च 2025 शुक्रवार को लोक परिधान उत्सव के अंतर्गत अपनी पगड़ी सजाव पारंपरिक वेशभूशा, रैंप वाॅक तथा मूंछों का प्रदर्शन उदयपुर विकास प्राधिकरण के सहयोग से आयोजन किया जायेगा। विभिन्न विद्यालयों में भी सम्पर्क किया जा रहा है कि स्कूल के बच्चे पगड़ी पहन कर सम्मिलित हो। गीत नृत्य संगीत के साथ सायंकाल 6 बजे भव्य आयोजन फतेह सागर के किनारे देवाली छोर पर आयोजित होगा।29 मार्च 2025, षनिवार ज्योति कलष संस्कृति चेतना यात्रा समय: दोपहर 3 बजे एकलिंग जी से प्रारम्भ होकर गणगौर घाट, मिलन व षोभायात्रा (विप्र महासेना और अमरखजी विकास समिति जगदीष-राम मिलन: जगदीष चैक संध्या आरती सायं 7ः15 बजे विदा सम्वत् 2081 गणगौर घाट सायं 7.30 बजे। ज्योति कलश सांस्कृतिक चेतना यात्रा अपराह्न 3 बजे एकलिंगजी से प्रारंभ होगी जो चलकर आगे अमरखजी महादेव जी पहुंचेगी। अमरखजी महादेव के यहां पर बालक राम और परशुराम का मिलन होगा और यहां से विप्र महासेना शोभायात्रा के रूप में साथ में चलेगी। पूरे मार्ग में जगह जगह पर भव्य स्वागत का आयोजन किया जाएगा। तथा हाथीपोल से फिर ये शोभायात्रा के रूप में परिवर्तित होकर जगदीश चैक पर विप्र फाउंडेशन की ओर से भगवान जगदीश और राम का मिलन करा कर भव्य आरती का आयोजन होगा। यहां से सप्त ज्योतियां ले जाकर गणगौर घाट पर जाएगी। जहां भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आतिशबाजी तथा भव्य गंगा आरती का आयोजन कर विदा 2081 का आयोजन होगा। उसके बाद गणगौर घाट पर काषी विष्वनाथ की तरह गंगा आरती का आयोजन किया जायेगा। गणगौर घाट पर ही विक्रम संवत 20 81को आतिषी विदाई दी जायेगी।अखिल भारतीय नववर्श समारोह समिति द्वारा डाॅ. प्रदीप कुमावत के नेतृत्व में नव संवत्सर के विभिन्न कार्यक्रमों के लिये कमलेन्द्र सिंह पंवार, कृष्ण कांत कुमावत, शिवसिंह सोलंकी, भूपेन्द्र सिंह भाटी, मनीष तिवारी, शशांक टांक, प्रशांत व्यास, निष्चय कुमावत, प्रतीक कुमावत, किशन वाधवानी, डाॅ. नरेन्द्र पालीवाल, लव वर्मा, जयपाल सिंह रावत, पराग शर्मा, वीरेन्द्र पालीवाल, राजेश भारती, नारायण चोबीसा, ललित कुमावत, पवन सुखवाल, सुरेश पालीवाल, जितेश कुमावत, पुनीत सुखवाल, रमेश सोनी, नवीन चैबीसा, पुष्कर शर्मा, जयशंकर राय, गणेश ओड सहित सभी कार्यकत्र्ता सम्पर्क में लगे हुए है।30 मार्च 2025, रविवार वन्दन-अभिनंदन प्रातःकाल विभिन्न चैराहों पर हल्दीघाटी की माटी व त्रिवेणी संगम के जल से तिलक वंदन-अभिनंदन: प्रातः 8 से 11 विभिन्न चैराहों पर। प्रतीक कुमावत ने बताया कि दिनांक: 30 मार्च 2025 रविवार को नववर्ष की शुभ मेला में प्रातःकाल शंखनाद के साथ घंटे घड़ियाल के साथ नववर्ष का स्वागत किया जाएगा। आलोक संस्थान के बालक बालिकाएं प्रत्येक चैराहे पर खड़े होकर हल्दीघाटी की माटी और त्रिवेणी के जल से सभी नगरवासियों को तिलक कर नीम, काली मिर्च और मिश्री की पत्तियों का प्रसाद खिलाकर तथा नववर्ष के पत्रक देकर भव्य स्वागत अभिनंदन करेंगे।डाॅ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि उक्त 15 दिवसीय कार्यक्रमों का भव्य समापन समारोह 30 मार्च रविवार को सायंकाल 6. 30 बजे दूध तलाई पर होगा जहां पाला गणेशजी से चेतीएकम की सवारी निकाली जाएगी जो दूधतलाई पर पहुँच कर वहां दीपप्रवाह किये जाएंगे। इस अवसर पर नगर निगम की ओर से भव्य आतिशबाजी का आयोजन के साथ एवं 15 दिवसीय कार्यक्रमों का समापन संपन्न होगा।महाराजा विक्रमादित्य की प्रतिमा संसद परिसर में लगाने और विक्रम संवत को राश्ट्रीय संवत घोशित करने की मांग को लेकर महाअभियान। डाॅ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि महाराजा विक्रमादित्य ने अपने पराक्रम से न सिर्फ सम्पूर्ण भारत में वरन् पूरे विश्व में अपने पराक्रम से विदेशी आक्रमणकारियों को परास्त कर इस भारत वर्श की रक्षा की तथा अपने नाम से संवत चलाया। संवत के लिये जिस प्रकार की कठिन परिस्थितियां होती है किसी भी व्यक्ति का ऋण नहीं रहना चाहिये, सभी का ऋण चुकाकर वह चक्रवर्ती सम्राट बनता है। महाराजा विक्रमादित्य ने बोद्ध धर्म के उन अनुयायियों ने जिन्होंने सनातन धर्म को नश्ट करने की कोशिश की उनको हटाकर अपने पराक्रम से फिर से स्थापित किया। राजा विक्रमादित्य आज के लोकतंत्र में एक ऐसे महानायक है जिनकी प्रतिमा संसद परिसर में लगाई जानी चाहिए।संयोजक कमलेन्द्र सिंह पंवार ने बताया कि डाॅ. प्रदीप कुमावत के नेतृत्व में यह अभियान हस्ताक्षर अभियान पिछले तीन वर्शांे से चल रहा है। पूरे वर्श भर जब तक संसद परिसर में महाराजा विक्रमादित्य की मूर्ति नहीं लग जाती और विक्रम संवत को राश्ट्रीय संवत घोशित नहीं किया जाता तब तक चलता रहेगा।