इस अवसर पर पूर्व कुलपति डाॅ. एस. एल. मेहता ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्राकृतिक कृषि को यदि हमें कृषकों के मध्य प्रचलित रूप में स्थापित करना है तो विश्वविद्यालय वैज्ञानिकों एवं प्रसार अधिकारियों को इसके लाभप्रद माॅडल विकसित करने होंगे। तभी कृषक प्राकृतिक खेती को अपनायेगें। डाॅ. मेहता ने कहा कि प्राकृतिक खेती को वृहद रूप से अनुसरणिय बनाने के लिए गांवों के समुह बनाने होंगे जो संयुक्त रूप से प्राकृतिक खेती को एक साथ अपनाये तथा इन गांवों के प्राकृतिक व जैविक उत्पादों के क्रय विक्रय के लिए FPOs बनाने होंगे। कृषि में उपयोग होने वाले रसायनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने हेतु कृषकों को रसायनों के प्रयोग न करने के लिए प्रोत्साहन अधिक अनुदान एवं अन्य सुविधाओं के रूप में देना चाहिए।
डाॅ. मेहता ने सभी प्रतिभागियों को 21 दिवसीय प्रशिक्षण उपरान्त प्रमाण पत्र वितरित किये एवं सभी से आह्वान किया कि अपने-अपने राज्यों में जाकर ब्रांड एम्बेसेडर की भूमिका निभाये। विदित् है कि प्रशिक्षण में 6 राज्यों के 25 वैज्ञानिक भाग ले रहे थे।
डॉ अरविंद वर्मा, निदेशक अनुसंधान एवं कोर्स डायरेक्टर ने अतिथियों का स्वागत किया एवं प्रशिक्षणार्थीयों को दिये गये प्रशिक्षण का विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डाॅ. वर्मा ने बताया कि यह 21 दिवसीय प्रशिक्षण वैज्ञानिकों के लिए प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटकों पर चिंतन, मनन एवं विश्लेषण के लिए एक मंच के रूप में सहायक सिद्ध हुआ। जिसमें वैज्ञानिक ज्ञान एवं विचारों का आदान-प्रदान किया। वर्तमान परिस्थिति मंे प्राकृतिक खेती के समक्ष मानव स्वास्थ्य सुधार, प्रर्यावरण सुरक्षा के साथ-साथ लाभप्रदता एक बडी चुनौती है।
डाॅ. वर्मा ने बताया कि पूरे प्रशिक्षण में 33 सैद्धान्तिक व्याख्यान, 8 प्रयोग प्रशिक्षण एवं 6 प्रशिक्षण भ्रमणों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। प्राकृतिक खेती पर सुदृढ़ साहित्य विकसित कर प्रतिभागियों को उपलब्ध कराया गया।
कार्यक्रम में डाॅ. आर. एल. सोनी, निदेशक, प्रसार शिक्षा निदेशालय, डॉ. अमित त्रिवेदी, क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान, उदयपुर आदि उपस्थित थे। डाॅ. रविकांत शर्मा, सहनिदेशक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण समन्वयक ने कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन किया एवं कार्यक्रम का संचालन डाॅ. लतिका शर्मा, सहआचार्य ने किया।
एमपीयूएटीः प्राकृतिक खेती के लाभप्रद माॅडल करने होंगे विकसित-डाॅ. मेहता

उदयपुर 11 मार्च, 2025। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के तत्वाधान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित जैविक खेती पर अग्रिम संकाय प्रशिक्षण केन्द्र के अन्तर्गत 21 दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘‘प्रकृति के साथ सामंजस्यः प्राकृतिक खेती में अनुसंधान और नवाचार’’ का समापन अनुसंधान निदेशालय, उदयपुर में पूर्व माननीय कुलपति, डाॅ. एस. एल. मेहता की अध्यक्षता में 11 मार्च, 2025 को सम्पन्न हुआ।