उदयपुर। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मीतू बाबेल ने आज बेबी ब्लिस बाय सृजन पर आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं को गर्भ संस्कार और प्रीनेटल केयर की जानकारी दी। इस अवसर पर शहर की 20 स्त्री रोग विशेषज्ञ महिला चिकित्सकों को सम्मानित किया गया।
केन्द्र की निदेशक संगीता मूंदड़ा ने बताया कि यह उदयपुर का पहला गर्भ संस्कार और प्रीनेटल केयर केंद्र है। इसमें गर्भस्थ शिशु के मानसिक शारीरिक वी ऑल राउंड डेवलपमेंट पर प्राचीन विज्ञान के तहत सेशन लिए जाते हैं। आज के कार्यक्रम में करीब 60 महिलाओं ने भाग लिया। साथ ही उदयपुर की 20 जानी-मानी गाइनेकोलॉजिस्ट को उनके एक्सीलेंट वर्क के लिए अवार्ड से सम्मानित किया गया।
डायरेक्टर ज्योति कुमावत ने बताया कि इस केंद्र पर गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भ संस्कार, गर्भ संवाद, ध्यान साधना, लमाज तकनीक साउण्ड थैरेपी आदि करवायी जाती है। डायरेक्टर अर्चना व्यास ने संस्थान के बारें में जानकारी दी।
समारोह में उदयपुर की 20 प्रतिष्ठित स्त्री रोग विशेषज्ञों का डॉ. मोनिका शर्मा खंडेलवाल, डॉ. प्रेरणा बाहेती,डॉ सौम्या सोमानी,डॉ.प्रीति मुकेश,डॉ. पूजा गांधी,डॉ.कमलेश पंजाबी,डॉ.आकांक्षा त्रिपाठी,डॉ. नलिनी शर्मा,डॉ.विनीता बाघेला,डॉ जिनी गुप्ता,डॉ. लता मेहता,डॉ. शिखा शर्मा,डॉ.भावना वर्मा, डॉ स्मिता बारिया, डॉ.कुसुम माथुर, डॉ.विमला धाकड़,डॉ सिमी सूद को सम्मानित किया।
डॉ.मीतू बाबेल ने बताया कि कैसे मेडिकल फील्ड और प्राचीन विज्ञान साथ में काम कर सकते हैं जिससे आने वाली पीढ़ी स्वस्थ व सुखी रह सके इस विज्ञान द्वारा कई चीजे बच्चों को गर्भ में सिखाई जा सकती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि डॉ. जाकिर हुसैन के पिता ने उनकी पत्नी के गर्भवती रहने पर ही शिशु को तबला सुन कर उसे रोज अभ्यास करवाते थे।
डॉ.मोनिका शर्मा खंडेलवाल ने भी बताया कि इस तरह के सेंटर के शहर में बहुत उपयोगी और जरूरी है गर्भस्थ महिलाओं के लिए सकारात्मक; तनाव मुक्त रहने में बहुत मददगार साबित होगा।
श्रद्धा गट्टानी ने भी अपने भाषण में बताया कि उन्हें अपने परिवार में गर्भसंस्कार के होने वाले फायदे दिखे और महसूस किए हैं।
गर्भ संस्कार और प्रीनेटल केयर की दी जानकारी
