गोगुन्दा मे जगाई शिव अलख : रोज ईष्टदेव के दर्शन का लिया संकल्प

उदयपर 11 फरवरी  | ब्रह्माकुमारीज उदयपुर सेवा केंद्र की बहनो ने गोगुन्दा गांव मे त्रिमूर्ति शिव महोत्सव का शुभारम्भ किया | अपने उद्बोधन मे बी के रीता बहन ने  कहा कि जब बच्चे  पिता का हाथ पकड़कर चलते हैं तो वे निश्चिंत रहते है। इसी तरह हम भी यदि खुद को परमात्मा को सौंपकर जीवन में चलते हैं तो सदा निश्चिंत रहते हैं। परमपिता शिव इस धरा पर अवतरित होकर हम सभी विश्व की मनुष्यात्माओं को सहज राजयोग की शिक्षा दे रहे हैं। परमात्मा आह्नान कर रहे हैं कि मेरे बच्चों तुम अपने बुरे विचार, भावनाएं, गलत आदतें शिव पर अर्पण करना ही सच्ची शिवरात्रि मनाना है। अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर जीवन में ज्ञान की ज्योत जगाएं। धर्म का आचरण ड्रेस पहनने से नहीं बन जाता है। उसे जीवन चरित्र में उतारना होगा। जिसे हम युगों-युगों से पुकार रहे थे, जिसकी तलाश में हमने वर्षों तक जप-तप और यज्ञ किए। आज वही भगवान इस धरा पर पुन: अवतरित हो चुके हैं।
बी के रश्मि बहन ने कहा की हम सबको अपने पांच खोटे सिक्के अर्थात् काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार को प्रभु को अर्पण करने हैँ  |
मीडिया समन्वयक प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि समारोह मे ग्रामीण महिला व पुरुष ने उत्साह से भाग लेते हुआ ढ़ोल मंजीरा चंग बजाते हुए अपने पारम्परिक नृत्य किये व ध्वजरोहण के बाद जयकारे लगाए | अंत मे सभी ने दिन मे एक बार अपने ईष्ट देव के दर्शन करने आने का संकल्प लिया |
By Udaipurviews

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