काशी के कोतवाल बटुक भैरवनाथ के नवनिर्मित मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के 11 दिवसीय समारोह की शुरुआत 20 अप्रैल से

-प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य समारोह 30 अप्रैल आखा तीज को
11 दिवसीय धार्मिक आयोजनों में होगा 11 कुंडीय महायज्ञ एवं शिव महापुराण कथा, उदयपुर जिले के हिता गांव स्थित नवनिर्मित मंदिर की होगी प्राण प्रतिष्ठा, तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप, सभी भैरव भक्तों में अपार उत्साह और खुशी की लहर
उदयपुर। जिले के हीता गांव (भीण्डर) काशी के कोतवाल बटुक भैरव के नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिवसीय महान धार्मिक आयोजन आगामी 20 अप्रैल से शुरू होंगे और 30 अप्रैल आखा तीज को भव्य रूप से मंदिर जी की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
यह जानकारी देते हुए मंदिर के पुजारी भोपा जी भंवर लाल चौबीसा ने बताया कि 20 अप्रैल से 30 अप्रैल आखा तीज तक आयोजित होने वाले इन महान धार्मिक आयोजन मैं 11 कुण्डीय हवन यज्ञ पंडित फतेह लाल चौबीसा के सानिध्य में होगा एवं राजसमंद खमनोर के कथा वाचक संत ज्ञानानंद जी महाराज के मुखारविंद से शिव महापुराण कथा होगी। हिंता गांव स्थित बटुक भैरव का स्थान बहुत ही प्राचीन शक्तिपीठों में आता है। आसपास के कई गांव कस्बों एवं राजस्थान के विभिन्न हिस्सों के साथ ही एमपी एवं गुजरात के सैकड़ों भक्तो की आस्था बटुक भैरव के साथ जुड़ी है एवं वह भी समय-समय पर आशीर्वाद लेने हीता गांव आते हैं। सभी भक्तों के सहयोग से बटुक भैरव का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। भैरव भक्तों की आस्था के अनुरूप ही इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करने का निर्णय लिया गया।
काशी जा कर लेकर आए मुहूर्त
भंवर लाल ने बताया कि इसी के निमित्त भक्तों के आग्रह पर वह काशी के कोतवाल बटुक भैरवनाथ के मूल स्थान पर गए थे और उनसे हिंता गांव में नवनिर्मित मंदिर का मुहूर्त देने की विनती की। उनकी विनती को स्वीकार करते हुए भैरवनाथ ने उन्हें आगामी 30 अप्रैल आखा तीज का शुभ मुहूर्त प्रदान किया। मुहूर्त लेकर भोपाजी 3 फरवरी को हिंता गांव आए तब भैरव भक्तों ने उनका भव्य स्वागत कर फूल मालाओं से लाद दिया और शोभा यात्रा के रूप में उन्हें बटुक भैरव के मंदिरजी लेकर गए। मुहूर्त की तारीख व तिथि तय होते ही सभी भैरव भक्तों में हर्ष और उल्लास का वातावरण छा गया।
विभिन्न कमेटी का किया गठन
सभी भैरव भक्तों ने इसके बाद एक बैठक आयोजित कर उसमें प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी के लिए रूपरेखा तय की एवं विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया। इसी के साथ ही गांव-गांव भैरव भक्तों को बटुक भैरव के समारोह में आमंत्रित करने हेतु निमंत्रण कार्ड भी छपवाए जा रहे हैं जो कि भैरव भक्त गांव-गांव जाकर निमंत्रण पत्रिका देकर भक्तों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने का आग्रह करेंगे। मंदिर जी की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी को अंतिम रूप दे दिया गया है।
सर्वसम्मति से होने वाले इस महान धार्मिक आयोजन में यह भी तय किया गया कि जिसने भी बटुक भैरव की गोल वींटी अपनी अंगुली में धारण कर रखी है उन्हें आवश्यक रूप से मंदिरजी में उपस्थित देकर बटुक भैरव के इस महान कार्य को संपादित करवाना है।
11 साल में तैयार हुआ मंदिर
भोपाजी भंवरलाल ने बताया कि सभी भक्तों के सहयोग से यह मंदिर 11 साल में बन कर तैयार हुआ। उन्होंने बताया कि 11 साल पहले जब इस मंदिर का मुहूर्त हुआ तभी से उन्होंने अपने सिर के बल और दाढ़ी मूछ नहीं कटवाने का प्रण लिया। आज भी वह प्रण पर कायम है। अब जबकि यह मंदिर बनकर तैयार हो गया है और इसके प्राण प्रतिष्ठा की तारीख भी नजदीक है, यह कार्य संपूर्ण होने के बाद वह अपने इस प्रण का भी त्याग करेंगे।

By Udaipurviews

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