बसन्त पंचमी पर सिन्धी समाज के संगीत सादको ने बिखरे संगीत के इन्द्रधनुषी रंग

उदयपुर। सिन्धी समाज एवं सुरों की मण्डली के तत्वाधान में बसन्त पंचमी पर आयोजित सुरो की महफ़िल में 30 समाजजनों ने एक से बढ़कर एक नायाब गीत  पेश कर महफ़िल का माहौल संगीतमय बना दिया । कार्यक्रम के सूत्रधार  मुकेश माधवानी ने बताया कि आज के आयोजन में मानो सुरों की देवी माँ सरस्वती सभी प्रतिभागियों के कंठ में विराजमान थी । समाज की छिपी प्रतिभाओं ने मंच पाकर ऐसा महसूस किया मानो उनके पंखों को आज परवाज मिल गए हो ।  कार्यक्रम प्रायोजक हेमन्त भागवानी ने बताया कि विशेष रूप से प्रिया हसीजा के सिन्धी “गीत उहो हथ मथे करे”, डॉ. हर्षा नेभनानी के “ए मेरे वतन के लोगों”, हरीश भाटिया के “मुंजी बेरी आठई” ने काफी वाहवाही लूटी

कार्यक्रम के प्रायोजक हरीश राजानी ने बताया कि  सांस्कतिक आदान-प्रदान एवं स्वस्थ्य मनोरंजन के लिए प्रत्येक माह  संगीत का आयोजन किया जाएगा । कार्यक्रम में सुरो की मण्डली द्वारा प्रताप चुघ, हरीश राजानी,हेमन्त भागवानी,दुर्गेश चाँदवानी का सम्मान किया गया ।  सिन्धी समाज के अध्यक्ष हरीश राजानी ने सूरों के मण्डली के सहयोग की सराहना कर सूत्रधार मुकेश माधवानी, वीनू वैष्णव,चन्द्र प्रकाश गन्धर्व,निखिल माहेश्वरी,बृजेश कुमार मिश्रा एवं योगेश उपाध्याय को सम्मानित किया और भविष्य में भी मण्डली के सहयोग से ऐसे आयोजन की आवश्यकता बताई । कार्यक्रम का  संचालन-वीनू वैष्णव,चन्द्र प्रकाश गन्धर्व एवं दुर्गेश चाँदवानी ने अपनी मधुर आवाज एवं सधे अंदाज में किया । अंत मे  हेमन्त भागवानी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

By Udaipurviews

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