उदयपुर 20 अक्टुबर / समग्र वैदिक शिक्षा, कर्म शिक्षा, स्वास्थ जागरूकता शिविर, प्राकृतिक एवं वैकल्पिक शिक्षा के साथ साथ सांस्कृतिक एवं मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापनाएवं प्रकृति आधारित भारतीय जीवन शैली को बढावा देने के उद्देश्य से गुरूवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय एवं पंचगव्य विश्वविद्यालय चैन्नई के बीच हुए एमओयू पर कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगेवोत, कुलपति डॉ. कमल धावड़ी ने हस्ताक्षर किए। प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं को सुरक्षित रखने एवं भावी पीढी को इस बारे में अवगत कराने के उद्देश्य से यह एमओयू किया गया हैं जिसके अन्तर्गत भारतीय पारम्परिक, शास्त्रीय, अकादमिक व समग्र ज्ञान को गुरूकुलों, विशेषज्ञों एवं वैदिक गुरूओं के माध्यम से युवा पीढी को अवगत कराया जायेगा। एमओयू की तहत परम्परिक खोज को बढावा देने व अकादमिक कार्यकर्ता एवं विद्यार्थियों का भी आदान प्रदान किया जायेगा जिसके तहत यहा के अकादमिक सदस्य व विद्यार्थी अपस में समन्वय कर नवाचारों को नये आयाम देगे। विशेष रूप से गाय, ग्राम, गोबर ( पंचगव्य ) ग्रंथ गीता, रामायण , भागवत व भारतीय मनीषियों द्वारा लिखित साहित्य एव गौरी नारी परिवार समाज व बालकों के समग्र विकास पर कार्य करेगे। भारतीय 64 विधाओं व कलाओं के प्रचार प्रसार हेतु कर्म शिक्षा को भी प्रोत्साहित भी वर्क शॉप, सेमिनार कार्यक्रमों के द्वारा किया जायेगा।
इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. रजत शर्मा, डॉ. रचना तेलंग, भारत सिंह राजपुरोहित, डॉ. पारस जैन, डॉ. एसबी नागर, डॉ. धमेन्द्र राजौरा, डॉ. दिलिप सिंह चौहान, डॉ. नारायण सिंह मौजूद थे।