उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग तथा ज्योतिष एवं अनुसंधान संस्थान उदयपुर के संयुक्त तथावधान में रविवार को सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय सभागार में कर्म विभाग विवेचना विषय पर ज्योतिष संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
पूर्व विधायक धर्मनारायण जोशी की अध्यक्षता में आयोजित इस संगोष्ठी में ज्योतिषविद् पंडित हरिश्चंद्र शर्मा की पुस्तक अर्थतंत्र इकोनामी एस्ट्रोलॉजी का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर पंडित शर्मा ने बताया कि ज्योतिष विधा में आर्थिक मामलों, शेयर मार्केट और अन्य वित्तीय व्यवस्थाओं पर विस्तार से कभी विचार नहीं किया गया। इसी संकल्पना को लेकर उन्होंने यह पुस्तक लिखी है जो कि वित्तीय प्रबंधकों के लिए ज्योतिषीय लिहाज से एक उपयोगी पुस्तक साबित होगी। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का सवाल जवाब के माध्यम से समाधान किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर हेमंत द्विवेदी ने कहा कि ज्योतिष एक ऐसा विषय है जो गणितीय पद्धति से लेकर फलित विज्ञान तक को समाहित करता है। प्रयोगीकी और सैद्धांतिकी के सम्मिश्रण के साथ यह भारत का यह पारंपरिक ज्ञान है जिस पर हम सभी भरोसा करते हैं। संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नीरज शर्मा ने ब्रह्मशास्त्र विवेचना के साथ दर्शन और उससे जुड़ी हुई परंपरा को रेखांकित किया और बताया कि सूर्य के उत्तरायण होने के बाद जो महत्व स्नान का है वही महत्व रुचि रखने वाले लोगों के साथ बैठकर ज्योतिषीय चर्चा करने का भी है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व विधायक धर्म नारायण जोशी ने कहा कि आजादी के बाद हमने कई सारे प्रगति के सोपान पार किए हैं। शिक्षा में भी हमने नित नए प्रयोग किए हैं लेकिन व्यक्ति निर्माण का कार्य उतनी गंभीरता से नहीं हो पाया जितना होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि केवल डिग्रियां ही ज्ञान नहीं होती है हम सब ने इन डिग्रियों को ही ज्ञान समझ लिया है और यह आज की शिक्षा व्यवस्था का सबसे बड़ा दोष है। उन्होंने कहा की नई पीढ़ी को प्रायोगिक और व्यावहारिक बनाना चाहिए ताकि अर्जित शिक्षा का समाज के लिए भी इस्तेमाल हो सके। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली ने स्वागत उद्बोधन देते हुए पंडित हरिश्चंद्र शर्मा का परिचय दिया और बचपन से लेकर अभी तक उनके साथ बिताए गए समय और प्राप्त ज्ञान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्रीमाली ने कहा कि पंडित शर्मा ने ज्योतिषीय नवाचारो के माध्यम से समाज को एक नई दिशा देने का काम किया है। ज्योतिष अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के सचिव डॉ सुरेश जोशी ने अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।