उदयपुर.उदयपुर जिले के भीण्डर कस्बे के डॉ. नूरुद्दीन आर.वी.आर.एस. के फैमिली मेडिसिन एन.बी.ई.एम.एस डीएनबी डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने वाले सबसे पहले डॉक्टर थे। यह विभाग दूसरे सभी विभागों से बिल्कुल अलग और बेहद कठिन है।
फैमिली मेडिसिन में मेडिसिन, सर्जरी, ऑब्सटेट्रिक व गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक, ऑर्थोपेडिक, ई.एन.टी, ऑप्थमोलॉजी, फिजियोथेरेपी, डर्मेटोलॉजी एवं साइकेट्री सभी विभागों की एमरजेंसी एवं प्राथमिक चिकित्सा का अध्ययन होता है। इसकी परीक्षा भी बहुत कठिन होती है, जिसमें सभी विभागों के प्रश्न पूछे जाते है।
जो परीक्षार्थी लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण करता है वहीं प्रायोगिक परीक्षा के लिए योग्य होता है। यहां तक कि लिखित एवं प्रायोगिक परीक्षा भी अलग-अलग राज्य में होती है।
डॉ. नूरुद्दीन की पीजी महात्मा गांधी चिकित्सालय के पी.एम.ओ डॉ. अरुण गौड़ के अधीन हुई है। डॉ. बोहरा ने अपनी एम.बी.बी. एस. एवं पीजी के दौरान भी बहुत सारे अवार्ड्स अपने नाम किए। इनको गत वर्ष स्वतंत्र दिवस पर भी श्रेष्ठ रेजिडेंट के अवार्ड से नवाज़ा गया।
डॉ. बोहरा उदयपुर जिले के भीण्डर कस्बे के रहने वाले है, जिनका चयन नीट-पीजी 2022 परीक्षा द्वारा आर.वी.आर एस. मेडिकल कॉलेज संबंध महात्मा गांधी चिकित्सालय में हुआ था। इन्होंने पहले ही राउंड में भीलवाड़ा को लॉक कर दिया था और यहां पर अपनी पीजी की। डॉ. बोहरा अपनी समाज सेवा के द्वारा भी बहुत जाने जाते है। वो अपने फ्री टाइम में ग़रीब एवं लाचार लोगों की बिना किसी लाभ के उनका उपचार करते हैं।