उदयपुर। होटल व्यवसायियों और गेस्टहाउस मालिकों ने उदयपुर नगर निगम द्वारा होटल एवं गेस्टहाउस लाइसेंस नवीनीकरण के लिए लागू किए गए नए नियमों को लेकर चिंता जताई है।इसी बाबत बीसीआई टूरिज्म चार्टर अध्यक्ष यशवर्धन राणावत ने यूडीएच मंत्री को पत्र लिखा व ट्वीट किया। पत्र की प्रतिलिपि ज़िला कलेक्टर, मुख्यमंत्री, टूरिज्म मिनिस्टर और समस्त प्रशासन को भेजी गई । उन्होंने इन नियमों को पर्यटन उद्योग के लिए प्रतिकूल बताते हुए राज्य सरकार और माननीय नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री श्री झाबर सिंह खर्रा से त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है।
बिजनेस सर्कल इंडिया के संस्थापक मुकेश माधवानी, चार्टर प्रेसिडेंट बीसीआई टूरिज्म यशवर्धन राणावत, जो होटल एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष भी हैं, और होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदर्शन देव सिंह कारोही ने कहा कि उदयपुर के होटल और गेस्टहाउस मालिकों को “डबल इंजन सरकार” से बड़ी उम्मीदें हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि मंत्रीजी इस विषय पर त्वरित कार्रवाई करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि होटल और गेस्टहाउस लाइसेंस के नवीनीकरण में सख्त और जटिल नियम लागू न हों। इससे पर्यटन व्यवसायियों के कार्य को सकारात्मक बढ़ावा मिलेगा ।
उन्होंने बताया कि कुछ माह पूर्व जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल के निर्देश और पहल पर लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया को 10 वर्षों तक के लिए सुगम और पारदर्शी बनाया गया था, जिससे व्यवसायियों को राहत मिली थी। लेकिन, हाल ही में नगर निगम द्वारा बिना किसी स्पष्ट कारण के नए और जटिल नियम लागू कर दिए गए हैं, जो न केवल पर्यटन क्षेत्र के विकास में बाधा डालेंगे, बल्कि उदयपुर की पहचान को भी नुकसान पहुंचाएंगे।
होटल व्यवसायियों ने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 महामारी के बाद पर्यटन क्षेत्र पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में इस प्रकार के कठोर नियमों से उद्योग पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा और हजारों रोजगार प्रभावित होंगे।
उदयपुर के पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के प्रतिनिधियों ने मंत्रीजी से अपील की है कि वे तुरंत हस्तक्षेप करें और सुनिश्चित करें कि लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया पूर्व की तरह सरल और व्यवसाय-अनुकूल बनाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रीजी का त्वरित निर्णय न केवल उद्योग को राहत प्रदान करेगा, बल्कि राज्य सरकार की “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” और पर्यटन को बढ़ावा देने की नीति को भी सुदृढ़ करेगा।
होटल व्यवसायियों ने अपनी मांग दोहराई कि लाइसेंस नवीनीकरण प्रक्रिया को 10 वर्षों के लिए पहले की तरह ही जारी रखा जाए, ताकि उदयपुर पर्यटन को और अधिक गति मिल सके।उदयपुर नगरनिगम द्वारा लाइसेंस रिन्यूअल में लाए गई जटिलता समाप्त होनी चाहिए ।