-कोलोनाइजेशन से अनापत्ती मिलते ही भाखर टिब्बा क्षेत्र के 20 कुओं में होगा एक्सप्लोरेशन
जयपुर, 3 जनवरी। माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री टी. रविकान्त ने कहा है कि आरएसएमएम और ऑयल इण्डिया मिलकर प्रदेश में अण्डर ग्राउण्ड कोल गैसिफिकेशन की संभावनाओं को तलाशते हुए यूसीजी कार्य को गति देंगे। इसी तरह से आरएसएमएम और ऑयल इण्डिया संयुक्त रुप से पोटाश के लिए आने वाली बिड में हिस्सा लेंगे ताकि प्रदेश में पोटाश का खनन कार्य आरंभ हो सके।
प्रमुख सचिव माइंस श्री टी. रविकान्त शुक्रवार को सचिवालय में ऑयल इण्डिया के सीएमडी डॉ. रणजीत रथ से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने ऑयल इण्डिया से प्राकृतिक गैस का उत्पादन बढ़ाने, नए क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल के एक्सप्लोरेशन कार्य को गति देने, और नए क्षेत्रों में प्रवेश की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक गैस, कच्चे तेल, यूसीजी सहित सोलर व अन्य क्षेत्रों में विपुल संभावनाएं है और इसके लिए ऑयल इण्डिया को आगे आना चाहिए।
ऑयल इण्डिया के सीएमडी डॉ. रणजीत रथ ने बताया कि ऑयल इण्डिया द्वारा फलौदी बीकानेर के डीएसएफ भाखरी टिब्बा से राज्य सरकार के रामगढ़ प्लांट को बिजली उत्पादन के लिए 7 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ प्लांट की मांग बढ़ने पर अधिक मात्रा में गैस का उत्पादन कर उपलब्ध कराई जा सकती है।
डॉ. रथ ने बताया कि भाखरी टिब्बा क्षेत्र में ऑयल इण्डिया 20 और कुओं में एक्सप्लोरेशन और उसके परिणाम के आधार पर गैस उत्पादन का काम आरंभ करना चाहता है और इसके लिए कोलोनाइजेशन डिपार्टमेंट से अनापत्ति प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने विश्वास दिलाया की ऑयल इण्डिया राज्य सरकार के साथ मिलकर ऑयल और गैस के एक्सप्लोरेशन और दोहन के साथ ही नए क्षेत्रों यथा पोटाश, यूसीजी, सोलर एनर्जी सहित नए क्षेत्रों में कार्य करने की कार्ययोजना को अंतिम रुप दे रही है।
बैठक में अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम श्री अजय शर्मा ने ऑयल इण्डिया के प्रदेश में चल रही लीजों व उत्पादन प्रगति आदी की जानकारी दी।
बैठक में ऑयल इण्डिया व पेट्रोलियम विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।