डूंगरपुर, 29 दिसंबर। मुस्लिम समाज का सामूहिक विवाह समारोह गुरुवार को शहर के घाटी स्थित निजी स्कूल परिसर में हुआ। इसमें मुस्लिम समाज के 34 जोड़ों ने एक साथ निकाह कबूल किया। उन्हें अब शुभ जीवन के लिए आशीर्वाद दिया गया। मुस्लिम समाज का सामूहिक विवाह कार्यक्रम घाटी में हुआ। शहर काजी अतहर जमाली ने निकाहनाम पढाया। इससे पहले डूंगरपुर, बांसवाडा, मोडासा, अहमदाबाद, उदयपुर, रतलाम, मंदसौर से बारात पुराने शहर के मस्तान बाबा दरगार परिसर में एकत्रित हुए। जहां से सभी को सीरत कमेटी पातेला में एकत्रित किया। जहां पर बैंड बाजे की धुन पर 34 दुल्हों का बिनोला निकला। जो पुराने शहर के कानेरा पोल, मोची बाजार, पुराना अस्पताल, सोनिया चौक, कंसारा चौक, माणक चौक होते हुए घाटी पहुंचा। दूल्हों की बिनौली एक साथ पुराने शहर से होते हुए निकाली गई तो लोग शादी की मस्ती में नजर आए। सिर पर सेहरा बांधकर सजे धजे दूल्हों के साथ बाराती बैंड बाजे की धुनों पर एक साथ बिनौले के रूप में पहुंचे। जहा दूल्हे और बारातियों का दुल्हन पक्ष ओर कमेटी की ओर से स्वागत किया गया। इसके बाद सामूहिक विवाह की रस्में शुरू हुई। शहर काजी मोहम्मद अतहर जमाली की सदारत में सभी 34 जोड़ों को निकाह पढ़ाया गया। दुल्हा और दुल्हनों ने एक साथ निकाह कबूल किया। दूल्हे और दुल्हन पक्ष के लोगो ने फूलों से दोनो को शुभकामनाएं दी। सदर अकिल खान ने बताया कि मुस्लिम समाज की ओर से 12 सालों से सामूहिक विवाह के आयोजन किए जा रहे है। अब तक 231 जोड़ों का सामूहिक निकाह पढ़ाया गया है। यह आयोजन हर साल किया जाता है। इसमें नई गहस्थ जीवन शुरू करने वाले दंपति को घर के कीचन का सामान, बेडरुम, अलमारी, बर्तन और इलेक्टोनिक सामान दिया जाता है। इससे नव दंपति अपना नया आशीयाना शुरू कर सकते है। इस सामूहिक विवाह के लिए न्यूनतम खर्च में एक साथ शादी का आयोजन होता है।
मुस्लिम समाज के 34 जोड़ों को शहर काजी ने निकाह कराया, शहर में एक साथ निकली बिनोली
