शुक्रवार को आयोजित किसान सम्मेलन में डीबीटी के माध्यम से
राशि का भुगतान होने से अन्नदाताओं के चेहरे पर आई मुस्कान
उदयपुर, 13 दिसंबर। राज्य सरकार का ऐतिहासिक कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रदेश में विविध कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। इसी क्रम में शुक्रवार को कायड़,अजमेर में राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी किसानों को डीबीटी के माध्यम से नकद लाभ का भुगतान किया गया। वहीं मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने किसान सम्मान निधि के किश्त रिमोट का बटन दबाकर सीधे काश्तकारों के बैंक खातों में हस्तांतरित की।
इस समारोह का प्रसारण एवं जिला स्तरीय किसान सम्मेलन नगर निगम स्थित सुखाड़िया रंगमंच सभागार में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में जिले भर से आए किसानों को उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, समाजसेवी रविन्द्र श्रीमाली, प्रमोद सामर ने सांकेतिक रूप से चेक वितरित किये।
उदयपुर जिले के किसान को अजमेर में मुख्यमंत्री ने सौंपा 50 हजार का चेक
कायड़, अजमेर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने उदयपुर जिले की गिर्वा तहसील के बछार मादड़ी निवासी किसान जीवन लाल पिता हकरा भील को 50 हजार रुपये की अनुदान राशि का चेक सौंपा। जीवन लाल एक मेहनती एवं नवाचारी कृषक है जिनके पास कुल 7 बीघा कृषि भूमि है। इस भूमि पर पांरपरिक फसलो मक्का गेहूँ, सरसो चना आदि की खेती के साथ साथ सब्जियो में मुख्यतया मटर, प्याज, गोभी, टमाटर, मिर्च की खेती आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीको से की जा रही है। जीवन लाल ने आत्मा योजनान्तर्गत अन्तर राज्यीय भ्रमण एवं अन्तर राज्यीय प्रशिक्षण प्राप्त कर आधुनिक कृषि तकनीको को अपनाया। इन प्रशिक्षणों में उन्हे खेती में नवाचार करने की प्रेरणा दी। सफेद मूसली की खेती उनके नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ मिला इसके अलावा ब्रोकली और मधुमक्खी पालन भी करते है। भविष्य में वे स्ट्रोबेरी की खेती करने की योजना बना रहे है, जो उनकी दूरदर्शिता और प्रगतिशील सोच को दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त जीवन लाल ने गाय, भैंस, बकरी, एवं मुर्गी भी पाल रखी है इनसे प्राप्त दूध से दही, घी, छाछ, आदि का स्थानीय बाजार में विक्रय कर आय प्राप्त की जा रही है। पशुओं से प्राप्त होने वाले गोबर से लगातार वर्मीकम्पोस्ट तैयार कर अपने खेत पर फसलों के लिए इस्तेमाल करते है एवं खेत पर सिंचाई जल बचत हेतु फव्वारा सिंचाई संयत्र व पाईप लाईन को स्थापित किया गया है। कृषक ने न केवल पारम्परिक खेती को आधुनिक तकनीकों से जोडा बल्कि अन्य गतिविधियों जैसे मधुमक्खी पालन को भी अपनाया। इन सभी प्रयासों से उनकी आय में वृद्धि हुई है और वे आत्मनिर्भर बने है, साथ ही अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी बने है।
उदयपुर में कृषि विभाग के विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को मिला डीबीटी के माध्यम से नकद लाभ
संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार सुधीर वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को आयोजित किसान सम्मेलन में केंद्रीय प्रवर्तित योजना अंतर्गत राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पॉली हाउस स्थापना पर उदयपुर जिले की मावली पंचायत समिति के फलीचड़ा खेड़ी निवासी काश्तकार देवीलाल पुत्र रतनलाल जाट को 32 लाख 7 हजार 200 रुपये की अनुदान राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा कृषकों को कृषि यंत्र क्रय करने हेतु जिले के चार किसानों को कुल 1 लाख 44 हजार 750 रुपये, स्थायी वर्मी कंपोस्ट यूनिट निर्माण हेतु जिले के चार किसानों को 1 लाख 99 हजार 996 रुपये, तारबंदी योजना के तहत देय अनुदान राशि में जिले के चार किसानों को 1 लाख 8 हजार 520 रुपये, फार्म पोंड निर्माण हेतु जिले के चार कृषकों को 2 लाख 94 हजार, गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना अंतर्गत वर्मी कंपोस्ट यूनिट निर्माण हेतु जिले के चार किसानों को कुल 40 हजार , राज्य योजना अंतर्गत कृषि विषय अध्यनरत छात्रों को प्रोत्साहन राशि योजना अंतर्गत उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही तीन छात्राओं को कुल 75 हजार तथा कृषि विषय में पीएचडी कर रही एक छात्रा को 40 हजार रुपये की राशि का सांकेतिक चेक अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया, उक्त लाभार्थियों को नकद लाभ डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके संबंधित बैंक खाते में हस्तांतरित किया गया।
इस अवसर पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक एस. के. वर्मा, उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक रविन्द्र वर्मा, उपनिदेशक कैलाश शर्मा, सहायक निदेशक कृषि मिताली राठौड़ समेत अन्य विभागीय अधिकारीगण एवं सभागार में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आए अन्नदाता मौजूद रहे।