अमी संस्था ने शुरू किया उदयपुर की धरोहरों को बचाने का अभियान
शहर की सुंदर बावड़ी और तोरण बावड़ी के संरक्षण में अमी संस्था की पहल
’उदयपुर, 5 दिसंबर। उदयपुर की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने की दिशा में अमी संस्थान ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस क्रम में तोरण बावड़ी पर आयोजित संगीत सलिला कार्यक्रम ने धरोहर संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया।
अमी संस्थान के उपाध्यक्ष योगेश कुमावत ने बताया कि शहर की उपेक्षित बावड़ियों को पहचान दिलाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर महीने ऐसी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. शिवदान सिंह जोलावास ने कहा कि जल संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए इस तरह के आयोजन संप मे किए जाएंगे। कार्यक्रम में प्रसिद्ध कलाकार अशरफ खां और देबू खां के दल ने बेवड़ों, पनिहारिन, झिरमिर मेह, सागर पाणी भरवा जैसे गीतों से उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य अतिथि, समाजसेवी डॉ. चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने कहा कि सरकार के पास सीमित संसाधन हैं, लेकिन जन सहयोग से इन धरोहरों को संरक्षित किया जा सकता है।
अध्यक्षता करते हुए डिप्टी टाउन प्लानर अरविंद सिंह कानावत ने बालकों को संबोधित करते हुए जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि धरती की हर बूंद को बचाना सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने आगाह किया कि भविष्य में पानी के लिए संघर्ष बढ़ सकता है, इसलिए इस दिशा में अभी से प्रयास करना होगा। स्वरूप सिंह चौहान ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए किया। आयोजन के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करने और पर्यटन को बढ़ावा देने का संदेश दिया गया।