शिल्पग्राम में परंपरागत मुखौटा कार्यशाला का समापन

उदयपुर, 4 दिसंबर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर द्वारा आयोजित दस दिवसीय परंपरागत मुखौटा निर्माण कार्यशाला का समापन बुधवार को शिल्पग्राम में संपन्न हुआ।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि दस दिवसीय परंपरागत मुखौटा निर्माण कार्यशाला में करीब 12 कलाकारों ने भाग लिया। उदयपुर सहित बूंदी, गुजरात, मुंबई, तेलंगाना ने सृजनकर्ताओं ने अपने हुनर से परंपरागत मुखौटे फाइबर, आइरन और पेपरमेशी माध्यमों से 3 से 6 फीट के निर्मित किए गए है। इनमें मिट्टी, कपड़े, बांस, बांस की टोकरी, कागज, इमली के बीज का आटा, सूतली, फेविकोल आदि का उपयोग कर उनको मनभावन रंगों से सजाया है। लोक कलाकारों और जनजातीय समुदायों से संबंधित मुखौटों को बारीकि से उकेरा गया है।
कलाकारों ने अपने दस दिवसीय कार्यशाला के अनुभवों को साझा किए तथा इस प्रकार की कार्यशाला आगे भी करवाई जाने की बात कही। अंत में सभी कलाकारों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। समापन अवसर पर केन्द्र के भूपेन्द्र कोठारी, हेमंत मेहता तथा संदीप पालीवाल उपस्थित थे।

शिल्पग्राम उत्सव की तैयारी हेतु बैठक 10 दिसंबर को

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर द्वारा आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव की सुचारू व सफल आयोजन हेतु बैठक शिल्पग्राम में जिला कलेक्टर के सानिध्य में मंगलवार 10 दिसंबर को दोपहर 12.30 बजे रखी गई है। जिसमें विविध व्यवस्थाओं एवं विभिन्न विभागों में सामंजस्य स्थापित करने हेतु संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी सम्मिलित होंगे।
By Udaipurviews

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