बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की अवलम्ब रिहाई एवं हिन्दुओं के लगातार उत्पीडन पर विराम हेतु कलेक्टर को उदयपुर की हिन्दू सर्व समाज मातृशक्ति द्वारा ज्ञापन 

उदयपुर, 4 दिसंबर। कलेक्टरी पर बंगलादेश में चिन्मय कृष्ण दास जी की अविलम्ब रिहाई व हिन्दुओं के लगातार उत्पीड़न पर विराम हेतु हिन्दू सर्व समाज की मातृशक्ति द्वारा माननीय राष्ट्रपति महोदया के नाम ज्ञापन दिया गया। बंग्लादेश शासन द्वारा वहां के इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी वहाँ अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय पर अनवरत एवं अमर्यादित अत्याचार वहां के शासन की कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना है। वहाँ के शासन की इस कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना का पुरजोर विरोध आवश्यक है। इस्कॉन ने या अन्य हिन्दू समाज के संगठनों ने अभी तक अपने उत्पीड़न के विरोध में जितनी भी कार्यवाही की है वे लोकतांत्रिक तरीके से की गई हैं। किसी भी प्रकार की हिंसा का उन्होंने प्रतिहिंसा के रूप में अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया है। इस प्रकार के पूर्ण शान्तिप्रिय और लोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने वाले समाज के किसी नेतृत्व को, जो एक वर्ग का भी नेतृत्व करते हैं, इस प्रकार से अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, उनको बन्द करना उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक है, अमानवीय है और हिन्दू समाज के मानवाधिकारों का हनन भी है।
बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपथी, इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे है। दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय ने, वैश्विक संगठनों ने इस घटनाक्रम पर जितनी चिन्ता व्यक्त करनी चाहिए थी जैसी रोक लगानी चाहिए थी, ऐसी रोक नहीं लगाई है। सर्व हिन्दू समाज उदयपुर भारत की सरकार से यह अपेक्षा करता है कि वह बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम को ध्यान से देखे, उसकी गम्भीरता को समझे और बांग्लादेश के शासन पर दबाव बनाए कि हिन्दुओं के मानवाधिकारों की रक्षा की जाए, सुरक्षा की जाए।
भारत सरकार का प्रति-उत्तर इस विषय में बहुत ही सावधानी पूर्वक और न्यूनतम रहा है। यह सही है कि एक संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी भी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए ठीक नहीं है परन्तु, एक बड़े हिन्दू समुदाय का इस प्रकार का उत्पीड़न पूरा विश्व, सारे पड़ोसी देश, भारत सरकार सिर्फ देखते रहे और कुछ भी कार्यवाही नहीं करें यह भी एक सीमा तक तो स्वीकार्य है लेकिन लम्बे समय तक यह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।
रूचि श्रीमाली ने बताया कि भारत सरकार इन सब घटनाओं को उनके संज्ञान में ले, बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिन्दुओं के उत्पीड़न को रोका जाये एवं इस्कॉन के मुख्य पुजारी श्री चिन्मय कृष्ण दास प्रभु जी की रिहाई की जाए, इसी विषय को लेते हुए ये ज्ञापन दिया गया है।
ज्ञापन देते समय वहां रजनी डांगी, सरला गुप्ता, जसवंत धुप्या, गीता मनावत, निर्मला गट्टानी, पुष्पा वर्डिया, रेखा चौधरी, रीता पूरी गोस्वामी, पुष्पा चौधरी, योगिता चौहान, रेखा राठौड़, उषा राव, रुपाली जैन इत्यादि अनेक उदयपुर की महिलाएं उपस्थित थीं।
By Udaipurviews

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