उदयपुर में बच्चों और देखभालकर्ताओं के लिए नए दृष्टिकोण के साथ शहर का विकास होगा
उदयपुर। आवास एवं शहरी मंत्रालय, भारत सरकार और वैन लीयर फाउंडेशन द्वारा देश के 10 शहर “नरचरिंग नेबरहुड्स- द्वितीय कार्यक्रम” के तहत चुने गए है, जिसमें “लाईटहाउस सिटी” उदयपुर को भी शामिल किया गया है. राजस्थान से उदयपुर अकेला शहर है, जो यह स्थान पाने में सफल रहा है. शेष शहरों में पुणे, इंदौर, कोच्चि, बंगलौर, ….. आदि चुने गए हैं. इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य शहरी आबादी क्षेत्र को छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए सहज, सुगम, सुन्दर और उपयोगी सार्वजानिक स्थान प्रदान करना है.
इस पहल के तहत उदयपुर न केवल छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों की शहर से जुडी ज़रूरतों पर न केवल फोकस कर सकेगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों के अनुकूल शहरी योजना को मुख्य धारा में लाने के उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा, ताकि अन्य शहर भी उससे प्रेरणा ले सके.
वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश टाक ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम और वैन लीयर फाउंडेशन इस प्रोग्राम के तहत आगामी 30 महीनों में शहर के विभिन्न वार्डों को बच्चों के लिए अनुकूल बनाने की दिशा में कई नवाचार करेंगे. इस कार्यक्रम में वर्ल्ड रिसर्च इंस्टीटयूट (WRI) इंडिया का तकनीकी सहयोग रहेगा. इस कार्यक्रम की मुख्यविशेषताओं में एक दीर्घकालीन प्रतिबद्धता और दृष्टिकोण को प्रस्तुत करना है तथा बच्चों के विकास क्षेत्र में काम कर रहे विभागों और गैर सरकारी संथाओं तथा समुदाय को एक साथ मंच पर लाना है.
इस अवसर पर निगम सभागार में आयोजित बैठक में निगम आयुक्त श्री राम प्रकाश ने कहा कि उदयपुर छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए एक बेहतर अनुकूल शहर बनाने के दिशा में प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रहा है. पूर्व में अर्बन95 प्रोजेक्ट के अंतर्गत भी कई नवाचार किये गए, जिन्हें देश- विदेश में काफी सराहा गया. उन्होंने बताया कि शहर के चयनित वार्डों को अलग अलग थीम पर बच्चों के लिए “सार्वजनिक स्थान की अवधारणा” को विकसित करने के प्रयास किये जायेंगे. इन स्थानों का उद्देश्य छोटे बच्चो और उनके देखभालकर्ताओं को सुरक्षित सुलभ और गुणवत्तापूर्ण सार्वजनिक स्थान प्रदान करना है. इस दौरान विभिन्न विभागों, पुलिस, गैर सरकारी संस्थाओं, समुदाय आदि की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी.
इस दौरान आयोजित बैठक में निगम आयुक्त की अध्यक्षता में अधीक्षण अभियंता मुकेश पुजारी, अधिशाषी
अभियंता शशिबाला सिंह, सहायक अभियंता करनेश माथुर, पिंकी सिंगाड़िया, कनिष्ठ अभियंता मोनिका चौधरी हिमांशु अग्रवाल शामिल रहे.
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
1. दीर्घकालिक प्रतिबद्धता: उदयपुर नगर निगम ने शहर को बच्चों और देखभालकर्ताओं के लिए अनुकूल बनाने हेतु एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जो स्थायी शहरी विकास को बढ़ावा देगा।
2. साझेदारियों का निर्माण: आईसीडीएस, यूडीए, यातायात पुलिस, और स्वास्थ्य जैसे विभागों के साथ-साथ स्थानीय समुदायों, गैर-सरकारी संगठनों और स्वयंसेवी समूहों की भागीदारी से सार्वजनिक स्थानों का दीर्घकालिक रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा।
3. सामुदायिक भागीदारी: स्थानीय समुदायों और स्वयंसेवी समूहों को इन स्थानों के डिज़ाइन, रखरखाव और प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
4. ज्ञान साझा करना: उदयपुर अन्य शहरों के साथ अपने अनुभव और ज्ञान साझा करेगा ताकि इस पहल को पूरे देश में दोहराया जा सके।