व्यापक स्तर पर की गई हैं भव्य तैयारियां, सज उठा समूचा लालीवाव परिक्षेत्र
विनायक अर्चन से शुरू होगा विराट धार्मिक महोत्सव
हैमाद्रि विधान के बाद मण्डप प्रवेश, दोपहर में भव्य शोभायात्रा की रहेगी धूम
बांसवाड़ा, 19 नवम्बर/बांसवाड़ा के इतिहास में अपनी तरह का पहला मिनी कुंभ लालीवाव मठ परिक्षेत्र में 20 नवम्बर, बुधवार से शुरू होगा और हजारों श्रृद्धालुओं की मौजूदगी के साथ 27 नवम्बर तक चलेगा। इस दौरान् आठ दिनों तक धार्मिक अनुष्ठानों की गूंज रहेगी।
विराट धार्मिक महोत्सव को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। सम्पूर्ण लालीवाव परिक्षेत्र को आकर्षक साज-सज्जा एवं रोशनी से सजाया गया है। महोत्सव के परमाध्यक्ष श्रीमद् जगद्गुरु श्री टीलाद्वारागाद्याचार्य मंगलपीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री माधवाचार्यजी महाराज सहित देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में संत-महात्मा और महामण्डलेश्वरों के लालीवाव पहुंचने पर मंगलवार शाम इनकी भव्य अगवानी करते हुए शानदार स्वागत किया गया।
विराट धार्मिक महोत्सव की शुरूआत बुधवार को प्रातः 8 बजे भगवान विनायक एवं लालीवाव मठ के प्रधान देवता श्रीपदमनाभ स्तवन व पूजा-अर्चना तथा से होगी तथा पूर्व पीठाधीश्वरों की समाधि एवं मूर्तियों पर गुरु पादुका पूजन होगा। इसके उपरान्त बुधवार को दिन में मण्डप प्रवेश और शोभायात्रा के कार्यक्रम होंगे।
हैमाद्रि विधान श्री पीताम्बरा आश्रम में प्रातः 8.30 बजे : हैमाद्रि विधान के अन्तर्गत लालीवाव मठ परिक्षेत्र के समीप श्री पीताम्बरा आश्रम में विधि-विधान से हैमाद्रि संस्कार होगा। इसमें यज्ञ और पोथी यजमान तथा इन अनुष्ठानों को सम्पादित कराने वाले पण्डित हिस्सा लेंगे। इसके लिए सभी बुधवार को प्रातः 8 बजे लालीवाव मठ में एकत्रित होंगे तथा वहां से मंगलगान करते हुए श्री पीताम्बरा आश्रम पहुंचेंगे जहाँ मध्याह्न 11.30 बजे तक विधि-विधान से हैमाद्रि एवं इससे संबंधित सभी धर्मशास्त्रीय विधान होंगे।
मध्याह्न में मण्डप प्रवेश : इसके उपरान्त वैदिक ऋचाओं के गान के साथ श्रीविद्या महायज्ञ एवं 9 कुण्डीय श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ के लिए निर्मित यज्ञ मण्डप एवं भागवत पारायण मण्डप में प्रवेश का अनुष्ठान विधान होगा।
बुधवार दोपहर भव्य शोभायात्रा : महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर पहले दिन 20 नवम्बर, बुधवार को दोपहर 2 बजे कुशलबाग परिक्षेत्र स्थित सिद्धनाथ महादेव मन्दिर प्रांगण से विशाल एवं भव्य शोभायात्रा निकलेगी, जो गांधी मूर्ति, श्री रघुनाथजी मन्दिर, श्री राम बाजार, पैलेस रोड, श्री नृसिंह मन्दिर, श्री महालक्ष्मी चौक, आजाद चौक, श्री अटल गणेश मन्दिर, कुम्हारवाड़ा, सूरजपोल होती हुई आयोजन स्थल श्री लालीवाव मठ पहुंचकर सम्पन्न होगी।
इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए साधु-संत, महामण्डलेश्वर, श्रीमहंत, भजन मण्डलियां, गजराज पर भगवान श्री पद्मनाभ की सवारी, अश्वारोही, ध्वजवाहक, कलश यात्रा, पोथी यात्रा, झांकियों आदि का समावेश होगा तथा हजारों की संख्या में श्रृद्धालु हिस्सा लेंगे।
विख्यात साधु-संतों व धर्माचार्यों का भव्य स्वागत : महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए विश्वविख्यात संत श्रीमद् जगद्गुरु श्री टीलाद्वारागाद्याचार्य मंगलपीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री माधवाचार्यजी महाराज सहित देश के विभिन्न राज्यों से ख्यातनाम साधु-संतों, श्रीमहंतों, महामण्डलेश्वरों, धर्माचार्यों एवं धर्मगुरुओं के समूह लालीवाव पहुंच चुके हैं।
इनमें जगद्गुरु अयोध्याचार्यजी महाराज(हरिद्वार), महामण्डलेश्वर रामकृष्णदास जी महाराज (पुरी-उड़ीसा), महामण्डलेश्वर गरीबदासजी महाराज(भावनगर, गुजरात), महंत भक्तचरणदासजी महाराज(नासिक), दाशरथदासजी महाराज(गुजरात), महंत पूर्णचन्द्रदासजी महाराज(कणास), महंत जोगीजी महाराज एवं महंत सनातनदासजी महाराज(उड़ीसा), महंत नारायणदास महाराज(झांसी), डाकोर खालसा विश्वपीठ के अधिकारी श्रीनिवासदासजी महाराज(डाकोर), महंत महावीरदासजी महाराज(नड़ियाद) प्रमुख हैं।
यहां लालीवाव पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर श्रीमहंत हरिओमदास महाराज, संत श्री रघुवीरदासजी महाराज तथा महोत्सव आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने इनकी श्रृद्धापूर्वक अगवानी करते हुए स्वागत किया। बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं ने सर्वोच्च धर्माचार्य मंगलपीठाधीश्वर का आशीर्वाद प्राप्त किया। देश के विभिन्न हिस्सों से वेद, कर्मकाण्ड और भागवत के विद्वान भी मंगलवार को लालीवाव पहुंचे।
महोत्सव पाण्डालों का अवलोकन : श्रीमद् जगद्गुरु श्री टीलाद्वारागाद्याचार्य मंगलपीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री माधवाचार्यजी महाराज ने महामण्डलेश्वरों, श्रीमहंतों एवं संत-महात्माओं के साथ महोत्सव स्थल का भ्रमण किया और यज्ञ मण्डप, कथा मण्डप, भागवत पारायण मण्डप, अन्नपूर्णा स्थल, मठ परिसरों, भण्डार गृह आदि की व्यवस्थाओं को देखा।
यज्ञ मण्डप में महोत्सव ब्रह्मर्षि पं. दिव्यभारत पण्ड्या एवं पं. निकुंजमोहन पण्ड्या सहित अन्य पण्डितों ने उन्हें यज्ञार्चन और सम्पूर्ण महोत्सव के अनुष्ठानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
भागवत कथा 21 से 27 नवम्बर तक दोपहर 1 से 5 बजे तक : महोत्सव के अन्तर्गत भागवत कथा 21 से 27 नवम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक होगी। इसमें श्रीमद् जगद्गुरु द्वाराचार्य श्री अग्रमलूकपीठाधीश्वर एवं विश्वविख्यात आध्यात्मिक विभूति संत स्वामी श्री राजेन्द्रदास देवाचार्यजी महाराज की ओजस्वी अमृतवाणी में भागवत कथा का रसास्वादन होगा।
लालीवाव मठ के पूर्व श्रीमहंत नारायणदास महाराज की पावन स्मृति में आयोजित यह विराट धार्मिक महोत्सव परमाध्यक्ष श्रीमद् जगद्गुरु श्री टीलाद्वारागाद्याचार्य मंगलपीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री माधवाचार्यजी महाराज के पावन सान्निध्य में किया जा रहा है।