पचास वर्षों बाद अपने सहपाठी को परिषद सदस्य बनते देख मधुर स्मृतियाँ पुनः जीवित हुई- डा. आई वी त्रिवेदी
उदयपुर। महाराणा भूपाल कालेज पूर्व छात्र परिषद ने कालेज के विवेकानन्द सभागार मे अपना जीवन साथी सहित दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम हर्षोल्लास से मनाया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मे पूर्व कुलपति डा आई वी त्रिवेदी ने कहा कि पचास वर्ष पूर्व उनके बी काम सहपाठी सीऐ महेंद्र जैन को परिषद के नये सदस्य के रुपमे देख वे बहुत प्रफुल्लित हुए है और कालेज दिनों की यादें तरोताजा हो आई है ।
मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत महासचिव शांतिलाल भंडारी के स्वागत उद्बोधन से हुई तद्पश्चात प्रकाश तातेड़ ने पिछली बैठक का कार्यवाही प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सदन से स्वीकृत कराया।
समारोह मे अक्टूबर माह मे जन्मे रवीन्द्र भटनागर सहित नये सदस्य महेंद्र जैन व श्रीमती पुष्पा जैन का तिलक व माला पहना अभिनंदन किया गया
महेंद्र जैन ने बताया कि 1975 मे बीकाम के बाद वे सीए बन इन्दौर रहने लगे। छ महीने पहले ही वे पुनः उदयपुर शिफ्ट हुए तथा पूर्व छात्र परिषद की जानकारी मिलते ही आज सदस्य बने है । सुभाष नागला भी 1975 मे स्नातक कर विश्विद्यालय सेवा मे आ गये व सेक्शन आफिसर के पद से सेवानिवृत्त हुए है । परिषद सदस्य बनते ही वे विदेश अपने बेटे के पास चले गये थे व गत सप्ताह ही लौटे। श्रीमती पुष्पा जैन ने 1974 मे अर्थ शास्त्र मे स्नातकोत्तर कर बीएड किया। राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त होकर समाजिक संस्थानों मे सक्रिय है।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों मे एस आर तिवारी ने महाभारत व्रतांत भीष्म की विकट वेदना , श्रीमती सीता शर्मा ने मधुर भजन ‘एेसी लागी लगन मीरा हो गई मगन सुनाया तो रवीन्द्र भटनागर, संजीव भारद्वाज, इन्द्र मल पटवा, चंदन सिंह छाछेड़, बी एल चावत, डा. नरेश शर्मा व , डा विमल शर्मा ने फिल्मी गीतों की प्रस्तुतियां दी। श्रीमती रेणु भंडारी ने मिट्टी के दीपक की कहानी बयां की तो प्रकाश तातेड़ ने मुक्तक सनाये व प्रो महिप भटनागर के चुटकुलों ने खूब गुदगुदाया।
महासचिव शांति लाल भंडारी ने सदस्यों का आह्वान किया कि वे अपने आवास के निकट रह रहे अति-वरिष्ठ सदस्यों से व्यक्तिगत मिलने अवश्य पधारें ताकि उनका परिषद से जुड़ाव बना रहे । नई पैकेट डायरी बनाने के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए डा इन्द्र वर्धन त्रिवेदी ने उसे छपवाने की पेशकश की साथ ही अगले माह पिकनिक पर जाने की भी सहमति बनीं।
के एस नलवाया ने आभार व्यक्त किया व राष्ट्र गान के पश्चात सभी ने स्नेह भोज का आनंद लिया ।