पैंथर का खौफ, सांसद ने संभाला मोर्चा

आतंक वाले क्षेत्रों में गए, अधिकारियों की ली बैठक
राजेश वर्मा

उदयपुर। गोगुंदा क्षेत्र में नरभक्षी हुए पैंथर के खौफ से भयभीत ग्रामीणों में सुरक्षा का भाव जगाने के लिए रविवार को सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने मोर्चा संभाल लिया। भाजपा देहात जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त सिंह चौहान, उपजिला प्रमुख पुष्कर तेली, महामंत्री दीपक शर्मा व अन्य पार्टी नेताओं के साथ पैंथर के आतंक वाले क्षेत्रों में गए। वहां भय के साए में जी रहे ग्रामीणों से बातचीत की। उन्हें सुरक्षा को लेकर विशेष एहतियात बरतने के उपाय बताए। वहीं, दूसरी ओर सांसद डॉ रावत ने गोगुंदा में वन, पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों की बड़ी बैठक ली। जिसमें पैंथर के आतंक को कम करने के लिए शॉर्ट व लांग टर्म एक्शन प्लान पर चर्चा की। शॉर्ट टर्म प्लान में सबसे पहले लोगों की सुरक्षा पर फोकस किया गया। इसके तहत पैंथर के हमले से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने व पिंजरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए। सांसद ने पैंथर के हमलों से हताहत हुए पीड़ित परिवारों को त्वरित मुआवजा व राहत राशि प्रदान करने के भी निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि इन मामलों में तात्कालिक सहायता के रूप में प्रभावित परिवारों को करीब सात लाख रुपए प्रदान किए जा चुके हैं। बैठक में वन विभाग के सीसीएफ, डीएफओ, एसडीएम, डिप्टी एसपी सहित अन्य संबंधित सरकारी अधिकारी, प्रबुद्धजन व ग्रामीण उपस्थित थे।
समूह में निकलें, शिकार के बाद उस जगह एकत्रित नहीं हों
जागरूकता अभियान के तहत ग्रामीणों से कहा गया कि वे इन दिनों आने-जाने में विशेष सावधानी बरतें। हो सके तब तक समूह में निकलें। अकेले आने – जाने से बचें। क्योंकि अब तक उस इलाके में पैंथर के हमले की जितनी भी घटनाएं हुई हैं, उनमें से अधिकांश मामलों में हमले का शिकार हुए लोग अकेले ही थे। वहीं, यदि किसी स्थान पर पैंथर हमले की घटना हो जाए तो वहां एकत्रित नहीं हों। पैंथर फिर लौट कर आता है और आक्रमण करता है।
पैंथरों के मूवमेंट पर निगरानी के उपाय हों…
लोंग टर्म एक्शन प्लान के तहत उस क्षेत्र के जंगलों में हिरण, सांभर आदि छोड़ने को कहा गया, जिससे कि पैंथर शिकार के लिए बस्तियों में आकर आक्रमण नहीं करे। तकनीकी रूप से भी पैंथर के मूवमेंट पर नजर रखी जाए। पकड़े जाने वाले पैंथरों के शरीर में रेडियो कॉलर लगाए जाएं, जिससे की उनके मूवमेंट पर निगरानी रखी जा सके। इसी तरह ड्रोन की कैपेसिटी बढ़ाने व रोबोटिक रेंजर प्रणाली विकसित करने को कहा गया। जिससे कि उस क्षेत्र में विचरण करने वाले पैंथरों की हरकत पर नजर रखी जा सके।

By Udaipurviews

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