केंद्रीय सड़क मंत्री नित्तीन गडकरी को लिखा पत्र
उदयपुर। सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री को पत्र लिख कर उदयपुर से बांसवाड़ा वाया सलूंबर, आसपुर स्टेट हाइवे (SH-32) को नया नेशनल हाईवे घोषित कर फोर लेन में परिवर्तित करने की मांग रखी है।
सांसद डॉ रावत ने पत्र के माध्यम से केंद्रीय मंत्री नित्तीन गड़करी को अवगत करते हुए कहा कि उनकी लोकसभा क्षेत्र में संभाग मुख्यालय उदयपुर से संभाग मुख्यालय बांसवाड़ा वाया जिला सलूंबर, आसपुर सड़क मार्ग जो कि एक राज्य राजमार्ग (SH-32) है। इस मार्ग की वर्तमान चौड़ाई आवागमन करने वाले यातायात के लिए पूर्णतः अपर्याप्त है। जबकि, यह मार्ग दक्षिणी राजस्थान के जनजातीय क्षेत्र को जोड़ने वाली एकमात्र मुख्य सड़क है। जो कि अपर्याप्त चौड़ाई एवं असंरेखित ज्यामितीय संरचना के कारण समय एवं ईंधन की खपत अधिक होती है। इस कारण मार्ग पर आए दिन गंभीर सड़क दुर्घटनाएं भी घटित होती रहती है। यह सड़क मेवाड़ व वागड़ अंचल के दो सम्भागीय मुख्यालय उदयपुर एवं बांसवाड़ा को आपस में जोड़ती है।
इसलिए भी जरूरी है…
सांसद डॉ रावत ने कहा कि स्टेट हाइवे को नेशनल हाईवे घोषित कर उक्त सड़क का फोर लेन में निर्माण करने पर इस क्षेत्र की 9 विधानसभा एवं 2 लोकसभा क्षेत्र प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होगें। जिससे इस क्षेत्र में विकास के नए आयाम भी स्थापित होंगें। क्षेत्र में जाखम, सोम-कमला- आंबा एवं माही परियोजनाएं है, जो खाद्यान्न, सब्जियाँ, फल एवं दूग्ध उत्पादन के समृद्ध क्षेत्र है। प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग देश के बड़े शहरों के बाजार से भी जोड़ने में सक्षम बनाएगा।
दो नेशनल हाईवे जुड़ सकेंगे, एक करोड़ स्थानीय निवासी लाभान्वित होंगे
प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग उदयपुर स्थित स्वर्णिम चतुर्भुज (एन.एच 48) एवं ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर (एन.एच.27) को बांसवाड़ा में मध्यप्रदेश व गुजरात के लिए जाने वाले दो राष्ट्रीय राजमार्गों (एन.एच.56 एवं एन.एच.927ए) को जोड़ेगा। इस राजमार्ग के बनने से क्षेत्र के लगभग एक करोड़ से अधिक स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलेगा जिसमें से 70 प्रतिशत अनुसूचित क्षेत्र के है।
सलूंबर जिले को यथावत रखा जाए, आसपुर व साबला उपखंड भी इस में शामिल करें – सांसद डॉ रावत
नए जिलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया के बीच सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने मुख्य मंत्री को लिखा पत्र
उदयपुर। राज्य सरकार द्वारा राज्य में गठित नवीन जिलों के सम्बन्ध में पुनर्गठन पर विचार किए जाने की चर्चाओं के बीच सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख सलूंबर जिले को यथावत रखने की मांग की है। साथ ही सांसद ने अपने पत्र में आमजन की सुविधार्थ क्षेत्रवासियों की मांग के अनुरूप आसपुर – साबला जैसे कुछ अन्य उपखंड भी सलूंबर जिले में समायोजित करने को कहा है। सांसद ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि नए जिलों के पुनर्गठन पर विचार किया जा रहा है। ऐसी चर्चाओं से सलूम्बर जिले की जनता में असमंजस और चिंता उत्पन्न हो रही है। यदि यदि सलूम्बर जिले के पुनर्गठन पर विचार किया जाता है तो यहां की सांस्कृतिक एकता और सामाजिक ढांचे के साथ ही प्रशासनिक सुगमता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अतः सलूम्बर जिले को यथावत रखा जाए। आमजन की सुविधा के लिए आसपास के कुछ अन्य क्षेत्र भी सलूम्बर जिले में जोड़ें जाए, जिससे क्षेत्र के समेकित विकास एवं सामाजिक समृद्धि की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की राह सुगम हो सके। सलूम्बर जिला घोषित होने के बाद क्षेत्र में शासकीय कार्य निस्तारण में गति देखने को मिली है, जो क्षेत्रवासियों के साथ ही शासन के लिए भी हितकारी है।
सलूंबर जिला बनने से आमजन को राहत मिली : सांसद डॉ रावत ने अपने पत्र के माध्यम से सलूंबर जिले को यथावत रखने की पैरवी करते हुए इसके पक्ष में कुछ तार्किक बिंदु भी रखे हैं। डॉ रावत ने कहा कि सलूम्बर जिला एक जनजाति क्षेत्र है। यहां 70 प्रतिशत से अधिक जनजाति निवास करती है। यह जनजाति क्षेत्र आर्थिक एवं शिक्षा की दृष्टि से भी तुलनात्मक रूप से पिछड़ा हुआ है। यह क्षेत्र अति दुर्गम है। क्षेत्र की समस्याओं के लिए पूर्व में क्षेत्रवासियों को लगभग 90 किलोमीटर दूर उदयपुर जिला मुख्यालय जाना पड़ता था। सलूम्बर जिला बनने से क्षेत्र में लोगों को प्रशासनिक सुविधाएं अपने निकट ही प्राप्त होने लगी है।
महत्वपूर्ण केंद्र है सलूंबर : सांसद डॉ रावत ने कहा कि सलूंबर जिला वर्तमान में स्थानीय इतिहास, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इस क्षेत्र एवं आसपास के लोग अपनी आवश्यकताओं और समृद्धि के लिए लम्बे समय से सलूंबर पर निर्भर है।