डूंगरपुर : चयनित ग्राम पंचायत में से एक भी रोल मॉडल नहीं बन पाना दुर्भाग्य की बात: के.के गुप्ता

बजट में कमी नहीं हैं, झूठे आंकड़े नहीं दे, धरातल पर काम करके दिखाएं: के.के गुप्ता
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समन्वयक गुप्ता ने समीक्षा बैठक ली
डूंगरपुर, 19 जुलाई। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का एक बहुत बड़ा विजन हैं, जिसके तहत उनका संकल्प हैं कि राजस्थान के प्रत्येक क्षेत्र में निवासरत और अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति को स्वच्छता का लाभ मिलना चाहिए, जिससे राजस्थान की जनता स्वस्थ और समृद्ध रहेगी। यह उद्गार स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) भारत सरकार एनएसएससी के गैर सरकारी सदस्य और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) राजस्थान सरकार के प्रदेश समन्वयक के.के गुप्ता ने शुक्रवार को जिला परिषद ईडीपी सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में व्यक्त किया।
झूठे आंकड़े नहीं दिखाएं, धरातल पर काम होना चाहिए
समीक्षा बैठक के दौरान गुप्ता ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब उनके द्वारा चयनित ग्राम पंचायत से रिपोर्ट मांगी जाती हैं तो सिर्फ खानापूर्ति करने के उद्देश्य से रिपोर्ट बना दी जाती हैं लेकिन, जब मौके पर जाकर कार्यों का निरीक्षण किया जाता हैं तो वहां गंदगी और कचरा मिलता है। वहीं, सार्वजनिक शौचालय गंदे बदबूदार और बंद पड़े दिखते हैं। मिशन से संबंधित कार्मिक स्पष्ट समझ ले कि अब कागजों में आंकड़े दिखाने से काम नहीं चलेगा बल्कि वास्तविकता में धरातल पर पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम होने चाहिए। चयनित ग्राम पंचायत धम्बोला पंचायत समिति सीमलवाड़ा द्वारा ही सभी जानकारी प्रारूप में भरकर उपलब्ध कराई गई हैं। गुप्ता ने कहा कि राजस्थान के सभी जिलों की समस्त पंचायत समितियां के तहत चयनित ग्राम पंचायत की रिपोर्ट विभाग के प्रमुख शासन सचिव को प्रेषित की जाती हैं तथा अब राजस्थान सरकार में मुख्य सचिव को भी रिपोर्ट प्रस्तुत की जा रही हैं।
बजट में कमी नहीं आने दी जाएगी
प्रदेश समन्वयक गुप्ता ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों में बजट में कमी नहीं आने दी जाएगी। ग्राम पंचायत के संबंधित अधिकारी और जनप्रतिनिधि के रूप में बैठे हुए गांव के सरपंच मिशन को अपना नैतिक कर्तव्य समझते हुए गांव के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और गांव की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए कार्य करें। भारत सरकार की एनएसएससी द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का बजट जारी किया जाता हैं। पंद्रहवां वित्त आयोग द्वारा मांग के आधार पर प्रत्येक ग्राम पंचायत को बजट उपलब्ध कराया जा रहा हैं।
स्वयं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हाथ में झाड़ू लेकर दे रहे हैं स्वच्छता का संदेश
गुप्ता ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और राजस्थान प्रदेश के ओजस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा स्वच्छ भारत मिशन कार्यों की सघन निगरानी रखी जा रही हैं। वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री द्वारा इस मिशन का आगाज किया गया था तब स्वयं उनके द्वारा हाथ में झाड़ू लेकर प्रधानमंत्री आवास के बाहर सफाई करते हुए स्वच्छता का संदेश दिया गया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा भी कुछ महीने पूर्व मंदिरों में स्वच्छता की गई थी। यह भी कहा जाता हैं कि भारत देश की आत्मा गांव में निवास करती हैं और गांव के सर्वांगीण विकास के लिए वहां के सरपंच जिम्मेदार रहते हैं। गांव का सरपंच बनने के लिए उम्मीदवार द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं लेकिन यदि सरपंच स्वच्छता का महत्व और इसकी तासीर समझ ले तथा स्वच्छता में उत्कृष्ट कार्य करके दिखाएं तो गांव की जनता स्वयं आगे बढ़कर उसे जनप्रतिनिधि को सर्वाधिक वोट प्रदान कर पुनः चुनेगी।
सख्ती बिना स्वच्छता कायम नहीं हो सकती
समीक्षा बैठक में गुप्ता ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें स्वच्छता के प्रति गंभीर होना होगा और सख्ती के बिना स्वच्छता कायम नहीं हो सकती हैं। जब यातायात पुलिस द्वारा हेलमेट नहीं पहनने और कार का सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना और चालान की कार्यवाही की जाती हैं तो वाहनधारी इस नियम की पालना करते हैं, उसी तर्ज पर लोगों को स्वच्छता का महत्व भी समझते हुए इसकी अवहेलना करने वाले पर जुर्माना और दंड की कार्यवाही की जानी चाहिए।
लोगों को भी स्वच्छता के प्रति करना हैं प्रेरित
गुप्ता ने कहा कि गांव की जनता भी अब स्वच्छता के प्रति जागरूक हो रही हैं लेकिन, अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की उपयोगिता और महत्व का अभाव हैं इसी कारण से लोग गंदगी और कचरा फैला रहे हैं तथा प्लास्टिक का उपयोग भी कर रहे हैं। जन जागरूकता के लिए गांव के प्रवेश स्थान पर स्वच्छता संदेश देते हुए बड़े बैनर लगाए जाएं और प्रत्येक घर पर स्वच्छता का स्टीकर भी लगाया जा सकता हैं।
हर घर जल योजना भी जुड़ी हुई हैं एसबीएम से
गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना हर घर जल योजना जिसके तहत प्रत्येक घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य से पाइपलाइन का कार्य किया जा रहा हैं। यह योजना भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत ही आती हैं इसलिए ग्राम पंचायत के संबंधित कार्मिक सामंजस्य बनाते हुए चले ताकि जहां स्वच्छता के लिए पक्के निर्माण कार्य किए जाएं तो पाइपलाइन के लिए नए निर्माण को क्षति नहीं पहुंचे।
गांव की गंदगी दूर करने के लिए सबसे पहले लेगेसी वेस्ट को नष्ट करना होगा
गुप्ता ने प्लास्टिक उपयोग रोकथाम पर जोर देते हुए कहा कि गांव क्षेत्रो में प्लास्टिक और विशेष करके पुनरू उपयोग में नहीं लिए जा सकने वाले प्लास्टिक का उपयोग और खपत बहुत हो रही है,, जिसे रोकना आवश्यक हैं। लोगों को प्लास्टिक की कैरी बैग में समान नहीं लेने के लिए जागरूक किया जाए। इसके साथ ही व्यापारी वर्ग या लारी ठेले वाले विक्रेता जो प्लास्टिक कैरी बेग में समान देते हैं। इस पर भी पूर्ण प्रतिबंध सहित जुर्माना लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। प्लास्टिक हमारे पर्यावरण के लिए बहुत अधिक हानिकारक है। यदि कोई खाद्य वस्तु प्लास्टिक बैग के अंदर पैक हैं तो उसे वहां विचरण करने वाले मवेशी खाने के प्रयास में प्लास्टिक की थैली पूरी खा जाते हैं, जिससे यह उनकी मौत का कारण तो बनता ही हैं। इसके साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा भी यह सिद्ध किया गया हैं कि यदि गौ माता द्वारा प्लास्टिक का सेवन किया जाता हैं तो उससे प्राप्त होने वाले दूध से भी लोगों को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होने का खतरा उत्पन्न हो सकता हैं। प्लास्टिक उन्मूलन के लिए आम जनता की जागरूकता और सहभागिता के प्रयास होने चाहिए। गुप्ता ने कहा कि गांव की गंदगी दूर करने के लिए सबसे पहले पुराना कचरा अर्थात लेगैसी वेस्ट भी निस्तारित करना होगा। गांव में आरआरसी प्लांट बने होने चाहिए और इसका उपयोग भी लिया जाए। प्लांट के अंदर गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखा जाए। ब्लैक वाटर को भी वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित किया जाए और गांव के तालाब या खुले स्थान में निकासी नहीं की जाए। पर्यावरण सुरक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए जाएं और उसकी सुरक्षा का भी प्रबंध किया जाए।
यह हैं चयनित ग्राम पंचायत
गुप्ता ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) राजस्थान सरकार द्वारा पंचायत समिति आसपुर की ग्राम पंचायत रायकी के राजस्व गांव रायकी, लिमड़ी और गड़ा हाटकिया, पंचायत समिति बिछीवाड़ा की ग्राम पंचायत ओडा बड़ा का राजस्व गांव ओडा बड़ा, पंचायत समिति चिखली की ग्राम पंचायत कुआं के राजस्व गांव कुआं, गंदेरी, मीठी लिमड़ी और माना पारड़ा, पंचायत समिति दोवड़ा की ग्राम पंचायत नरणिया के राजस्व गांव नरणिया, पंचायत समिति डूंगरपुर की ग्राम पंचायत बिलड़ी के राजस्व गांव बिलड़ी, सियाल दरी, तिजवड़ और वीरपुर चक, पंचायत समिति गलियाकोट की ग्राम पंचायत दीवड़ा बड़ा के राजस्व गांव दीवड़ा बड़ा, वांदर वेड और डेरिया फला, पंचायत समिति झौंथरी की ग्राम पंचायत विकासनगर के राजस्व गांव में विकास नगर, पंचायत समिति साबला की ग्राम पंचायत पिण्डावल के राजस्व गांव पिण्डावल, पंचायत समिति सागवाड़ा की ग्राम पंचायत कराड़ा के राजस्व गांव कराड़ा और कराड़ा का वाड़ा, पंचायत समिति सीमलवाड़ा की ग्राम पंचायत धंबोला के राजस्व गांव धंबोला और मेरोप, पंचायत समिति पाल देवल की ग्राम पंचायत पाल गामड़ी के राजस्व गांव पाल गामड़ी और पंचायत समिति गामड़ी अहाड़ा की ग्राम पंचायत गामड़ी अहाड़ा के राजस्व गांव गामड़ी अहाड़ा और लोडवाड़ा को उत्कृष्ट तथा रोल मॉडल ग्राम पंचायत बनाने के लिए चयनित किए गए हैं।
आगामी सात दिन मिशन मोड पर काम करना हैं: एसीईओ पहाडि़या
समीक्षा बैठक में जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल पहाडि़या ने समस्त अधिकारियों और कार्मिकों को कहा कि प्रदेश समन्वयक गुप्ता द्वारा जो भी दिशा-निर्देश जारी किए गए है, उसकी अक्षरशः पालन सुनिश्चित की जाए। अब आज से आगामी सात दिन तक के समय में मिशन मोड पर काम करते हुए समस्त कमियों को पूरा किया जाएगा। तीन दिन के अंदर गांव का समस्त पुराना कचरा साफ हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एफएफसी में प्रावधान हैं कि स्वच्छता और पेयजल के कार्यों पर लगभग 60 प्रतिशत राशि खर्च की जा सकती हैं लेकिन इस मद में ग्राम पंचायत द्वारा सीसी रोड और इंटरलॉकिंग टाइल्स जैसे सिविल कार्य कराए जा रहे हैं, जो कि गलत है। साथ ही उन्होंने ने समस्त कार्मिकों को कहा कि कार्य में लापरवाही नहीं रखें अन्यथा चार्जशीट के लिए तैयार रहे।
बैठक में जिले के समस्त पंचायत समितियों के विकास अधिकारी, अतिरिक्त विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी, सहायक अभियंता, चयनित ग्राम पंचायत के सरपंच, कनिष्ठ तकनीकी सहायक, ग्राम विकास अधिकारी और ब्लॉक स्वच्छता समन्वयक उपस्थित रहे।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!