उदयपुर जिले के मावली तहसील के ग्राम जेवाना के नाथू बा का कुआ पर सनातन संस्कृति में वृक्षों की महत्वता एवं उनके धार्मिक आध्यात्मिक महत्व को समझते हुए सनातनी संस्कृति की परंपरा का निर्वहन करते हुए वहां के निवासियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक प्रकार का पूजनीय वृक्ष बिल्ली का तुलसी विवाह पीपल इत्यादि की तर्ज पर स्वयं सेवकों के द्वारा विवाह संस्कार समारोह किया गया क्षेत्र मे होने वाला यह एक अनूठा विवाह था जो पुरे हिन्दू रीती रिवाज़ के साथ सम्पन किया गया बिल्ली का वृक्ष भगवान विष्णु के अवतार देवनारायण से आध्यात्मिक रूप से संबंधित है जो हमारे शास्त्रों मे अन्य वृक्षो की तरह पूजनीय माना जाता है यह विवाह क्षेत्र के लोगो मे चर्चा का विषय बना रहा तथा लोगो मे इस विवाह समारोह के बारे मे जानने मे उत्सुकता बनी रही इस विवाह समारोह को गाडरी समाज के स्वयं सेवकों के द्वारा बड़े बुजुर्गो के निर्देशन मे शास्त्र सम्मत सम्पन किया गया इस विवाह का प्रमुख उदेश्य वृक्षों के प्रति आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व बताकर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का संदेश और अपनी समृद्ध सनातनी संस्कृति का महत्व समझाना था इस अवसर पर गाडरी समाज के साथ सर्व समाज के लोगो ने कार्यक्रम में सहभागिता निभाकर इस समारोह संस्कार को संपन्न किया इस समाजोत्सव कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न गांवो के लोगों ने सहभागिता निभाई
विवाह समारोह प्रातः 5 बजे शुभ लग्नवेला में हवन के साथ शुरू हुआ जो प्रातः 7 बजे सम्पन्न हुआ । विवाह समारोह के लिए 5 जोड़े यजमान के रूप में हवन वेदी पर बैठे जिन्होंने मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां देते हुए विवाह संस्कार में भाग लिया। 7 बजे बाद पहरावणी का आयोजन किया गया जिसमें बारातियों और घरातियों ने भाग लिया। दोपहर भोजन के बाद बारातियों को सीख देकर विदा किया गया। इससे दो दिन पूर्व विनायक स्थापना व दोवड़ा के साथ रक्षा सूत्र बन्धन कार्यक्रम भी रखा गया था।
जेवाना में हुआ अनूठा विवाह समारोह
