समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ताओं की बदौलत विद्यापीठ ने अन्तर्राष्ट्रीय पर बनाई अपनी पहचान – प्रो. सारंगदेवोत

कुलपति पद पर 12 पूर्ण करने पर कर्नल प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत का किया सम्मान
दिन भर कार्यालय में बधाई देने वालो का लगा रहा तांता

उदयपुर 03 जून/ जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत के कुलपति के पद पर 12 वर्ष पूर्ण कर 13 वें वर्ष में प्रवेश करने पर सोमवार को शहर के सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी एवं विद्यापीठ के तीनों परिसरों के कार्यकर्ताओं ने प्रो. सारंगदेवोत का पगड़ी, उपरणा, बुके देकर सम्मान किया। इससे पहले प्रो. सारंगदेवोत ने संस्थापक जनुभाई की प्रतिमा व मॉ सरस्वती की मुर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर प्रो़. सारंगदेवोत ने कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विपरित परिस्थितियों में 2012 में कुलपति का पदभार ग्रहण किया। पिछले 12 वर्षो से विद्यापीठ के शुभचिंतकों व समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने निस्वार्थ भार से कंधे से कधा मिलाकर हर समय साथ दिया है। इसी की बदौलत आज संस्था देश ही नहीं विश्व पटल पर अपनी अग्रणी भूमिका का निरवहन कर रहा है। इस दौरान विद्यापीठ ने शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में कई नये आयाम स्थापित किए है, जिसमें इस दौरान संस्थान में विधि महाविद्यालय, फार्मेसी, हॉस्पीटल, एग्रीकल्चर, दो परिसर में कन्या महाविद्यालय, ज्योतिष एवं वास्तु विभाग, बीएससी नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, सायंकालीन महाविद्यालय की पुनस्थापना, विज्ञान महाविद्यालय, नेक ए ग्रेड, आईआईआरएफ रेकिंग में राजस्थान में प्रथम, युनिरेंक में उदयपुर में प्रथम, 150 से अधिक पेटेंट, 150 बेड़ का अत्याधुनिक हॉस्टल, स्पोर्टस ग्राउंड जैसे कई नये आयाम स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि पं. नागर ने  87 वर्ष पूर्व 21 अगस्त, 1937 को तीन रूपये व एक किराये के भवन में पांच कार्यकर्ताओं के साथ संस्था की शुरूआत की थी जो आज 70 करोड के वार्षिक बजट तथा 10 हजार से अधिक विधार्थियों के साथ वटवृक्ष बन गया है। विद्यापीठ द्वारा द्वारा सभी प्रकार के पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है, संचालित सभी पाठ्यक्रम यूजीसी से मान्यता प्राप्त है।
इस अवसर पर एमपीयूटी कुलपति प्रो. अजित कुमार कर्नाटक, कुल प्रमुख बीएल गुर्जर, पीठ स्थविर डॉ. कौशल नागदा, रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, डॉ. पारस जैन,  दलपत सुराना, भंवर सेठ, अजय श्रीवास्तव, विक्रम सिंह देवड़ा, वरदान मेहता, प्रो. जीवनसिंह खरकवाल, प्रो. सरोज गर्ग, डॉ. युवराज सिंह राठौड़, डॉ. भवानीपाल सिंह राठौड, भानुप्रताप सिंह, डॉ. हीना खान, डॉ. कला मुणेत, डॉ. नीरू राठौड, डॉ. धमेन्द्र राजौरा, डॉ. दिलीप सिंह चौहान,  डॉ. भारत सिंह देवडा,  डॉ.ओम पारीक, डॉ़. सपना श्रीमाली, डॉ.़ विजय दलाल, प्रवीण गुर्जर, आशीष नंदवाना, डॉ. कुल शेखर व्यास, डॉ. एस बी नागर,  भगवती लाल सोनी, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत, भगवती लाल श्रीमाली, जितेन्द्र सिंह चौहान, मुर्तजा अली , उमराव सिंह राणावत, डॉ. नजमुद्दीन, राकेश कुमार, गुर्जर, डॉ़. जयसिंह जोधा, लहरनाथ, सहित विद्यापीठ के डीन डायरेक्टर ने माला पहना कर स्वागत किया।

By Udaipurviews

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