उदयपुर 1 जून 2024. एक उत्कृष्ट प्रकाशित पत्रिका बेदाग दर्पण होकर कला धर्म संस्कृति इतिहास आदि पहलु प्रस्तुत कर समाज को उनके प्रति जागृत करने का कार्य करता है । उक्त विचार प्रोफेसर के के दवे अध्यक्ष पैसिफिक एकेडमी ऑफ़ हाईयर एजूकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी ने अक्षय लोकजन की नव प्रकाशित पत्रिका का विमोचन करते हुए कही।
लोकजन सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि आज एक सादे समारोह में रामचरितमानस के 450 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में प्रकाशित अक्षय लोकजन की पत्रिका विशेषांक का विमोचन हुआ । कला, धर्म, संस्कृति, इतिहास को बढ़ावा देने के लिए प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका “अक्षय लोकजन” अपने आठवें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और निरंतर नए-नए रोचक पहलुओं को प्रस्तुत कर पाठकों में अपनी विशिष्ठ पहचान बना चुकी है ।
“अक्षय लोकजन” के संपादक जय किशन चौबे ने बताया कि रामचरितमानस का लेखन विक्रम संवत 1631 मे हुआ तदनुसार 2081 में 450 वर्ष पूर्ण होने पर प्रकाशित इस विशेषांक में विश्वात्मा बावरा जी महाराज द्वारा लिखित गोस्वामी तुलसीदास का कृतित्व एवं व्यक्तित्व उदरित करने के साथ ही सनातन संस्कृति की आत्मा का वर्णन, महाकाव्य राम- रसायन पर लेख, आठ वार नौ त्यौहार, राजस्थान की जनजातियां, वनवासी धाम सीताबाड़ी केलवाड़ा, महोबा – चंदेलों का शौर्य प्रतीक, चित्तौड़ की कालिका देवी से जुड़े अभिलेख वर्णन , कीरति भनिति भूति मति सोई आदि आलेखों के साथ मेवाड़ का प्रारंभिक इतिहास, गुहिल सिसोदिया वंश के कई अनछुए पहलू सम्मिलित है । कार्यक्रम मे सह संपादक मनोहर लाल मुंदड़ा, हरीश तलरेजा सहित लोकजन सेवा संस्थान कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे ।
प्रोफेसर के के दवे को लोकजन सेवा संस्थान व अक्षय लोकजन पत्रिका का आजीवन संरक्षण सदस्य बना उन्हे सम्मानित किया गया ।