विश्व संवाद केंद्र द्वारा नारद जयंती पर एआई विषयक परिचर्चा का आयोजन

राष्ट्र को सर्वोपरि मानते हुए पत्रकारिता करना हमारा धर्म
एआई के साथ विवेक का उपयोग हो तो मानव कल्याण संभव

उदयपुर। विश्व संवाद केन्द्र चित्तौड़ प्रांत द्वारा उदयपुर स्थित कार्यालय पर नारद जयंती के उपलक्ष में शुक्रवार को “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : पत्रकारिता के लिए अवसर और चुनौतियां” विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के इतिहास व विकास पर विचार रखते हुए मुख्य वक्ता सर पद्मपत सिंघानिया विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. रितेश तिरोले ने कहा कि यह तकनीक कमांड एवं डेटा के आधार पर तीव्र गति से कार्य करने में सक्षम हैं। लेकिन डेटा से छेड़छाड़ होने की स्थिति में परिणाम भी दुष्प्रभावी होंगे। जबकि एक व्यक्ति अपने ज्ञान एवं अनुभव के आधार पर विवेक का उपयोग करते हुए निर्णय लेता हैं। विवेक उसे सही व गलत के प्रति सचेत करता हैं। कृत्रिम बुद्धिमता एवं मानवीय बुद्धिमत्ता के मध्य मूल अंतर विवेक का हैं। उन्होंने विविध उदाहरणों के माध्यम से एआई के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों को संभागियों के समक्ष रखा।

परिचर्चा के मुख्य अतिथि इतिहास संकलन समिति के प्रान्त संगठन मंत्री रमेश चन्द्र शुक्ला ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता की चुनौतियां हमारे लिए अनुकूल कैसे बन सकती है, यह हम देवर्षि नारद के जीवन से सीख सकते हैं। नारद पुराण में उल्लेखित विविध विषयों से स्पष्ट है कि नारद मुनि ज्ञान के भंडार थे। वे सृष्टि के संरक्षक विष्णु जी को सृष्टि में होने वाली गतिविधियों से अवगत कराते थे। यहाँ विचार करने की बात यह है कि कहां, किसे व कितनी समाचार सामग्री वितरण करनी चाहिए, इसका ज्ञान होना भी जरूरी हैं। एक पत्रकार का यह धर्म है कि वो राष्ट्र, समाज, संस्कृति एवं मानवता को सर्वोपरि मानता है। उन्होंने कहा कि नारद मुनि से प्रेरणा लेकर हम तथ्यों का विश्लेषण करते हुए समाज हित एवं न्यायपूर्ण निरूपण कर सकते हैं।
विश्व संवाद केंद्र समिति के सचिव प्रवीण कोटिया ने बताया कि परिचर्चा में भाग लेते हुए मीडियाकर्मियों और प्रबुद्धजन ने एआई को सहज रूप से अपनाने, इसके उपयोग से मानवीय संसाधनों की आवश्यकता में कमी होने से बेरोजगारी उत्पन्न होने, एआई द्वारा उपलब्ध सामग्री को जानने एवं आवश्यक संशोधन के साथ उपयोग करने, उसके विमर्श की दिशा को देखने, यूजर की सकारात्मकता एवं सृजनात्मकता का समन्वय रहने, स्वदेशी एआई सॉफ्टवेयर व सर्वर विकसित करने, दुरुपयोग पर सख्त प्रावधान करने जैसे विभिन्न पहलुओं पर विचार रखे और चर्चा की।
इस मौके पर विश्व संवाद केंद्र समिति के अध्यक्ष कमल प्रकाश रोहिल्ला ने विश्व संवाद केंद्र की गतिविधियों का परिचय कराते हुए केंद्र के कार्यों की जानकारी दी।
परिचर्चा के दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा,  उपनिदेशक गौरीकांत शर्मा, अनिल चतुर्वेदी, नितिन रूपेश, नरेश यादव, सरोज कुमार, चेतन प्रकाश शाकद्बिपीय, पत्रकार सतीश शर्मा, लक्ष्मण राणा, घनश्याम जोशी, सुरेश चौहान, विवेक अग्रवाल, यशवंत सालवी, नवरतन खोखावत, बाबूलाल ओड, नरेंद्र कहार, भूपेंद्र कुमावत, नरेश भावसार सहित कई प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
संचालन डॉ. सुनील खटीक ने तथा आभार प्रदर्शन मनीष मेघवाल ने किया।

By Udaipurviews

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