एकलिंग राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित एक मंदिर परिसर है। यह स्थान उदयपुर से लगभग १८ किमी उत्तर में दो पहाड़ियों के बीच स्थित है। वैसे उक्त स्थान का नाम ‘कैलाशपुरी’ है परन्तु यहाँ एकलिंग का भव्य मंदिर होने के कारण इसको एकलिंग जी के नाम से पुकारा जाने लगा। भगवान शिव श्री एकलिंग महादेव रूप में मेवाड़ राज्य के महाराणाओं तथा अन्य राजपूतो कुल देवता हैं।मान्यता है कि यहाँ में राजा तो उनके प्रतिनिधि मात्र रूप से शासन किया करते हैं। इसी कारण उदयपुर के महाराणा को दीवाण जी कहा जाता है।ये राजा किसी भी युद्ध पर जाने से पहले एकलिंग जी की पूजा अर्चना कर उनसे आशीष अवश्य लिया करते थे। यहाँ मन्दिर परिसर के बाहर मन्दिर न्यास द्वारा स्थापित एक लेख के अनुसार डूंगरपुर राज्य की ओर से मूल बाणलिंग के इंद्रसागर में प्रवाहित किए जाने पर वर्तमान चतुर्मुखी लिंग की स्थापना की गई थी। इतिहास बताता है कि एकलिंग जी को ही को साक्षी मानकर मेवाड़ के राणाओं ने अनेक बार यहाँ ऐतिहासिक महत्व के प्रण लिए थे। यहाँ के महाराणा प्रताप के जीवन में अनेक विपत्तियाँ आईं, किन्तु उन्होंने उन विपत्तियों का डटकर सामना किया। किन्तु जब एक बार उनका साहस टूटने को हुआ था, तब उन्होंने अकबर के दरबार में उपस्थित रहकर भी अपने गौरव की रक्षा करने वाले बीकानेर के राजा पृथ्वी राज को, उद्बोधन और वीरोचित प्रेरणा से सराबोर पत्र का उत्तर दिया। इस उत्तर में कुछ विशेष वाक्यांश के शब्द आज भी याद किये जाते हैं
Related Posts
-
श्रीनाथजी मंदिर ( Shrinathji Temple )
Udaipurviews2 years agoश्रीनाथजी को आगरा और ग्वालियर के माध्यम से राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में लाया गया था ताकि औरंगजेब के दमनकारी शासनकाल के दौरान हो रहे हिंदू मंदिरों के व्यापक विनाश से सुरक्षा की ज... -
महाकालेश्वर मंदिर उदयपुर ( Mahakaleshwar Temple Udaipur )
Udaipurviews2 years agoमहाकालेश्वर मंदिर उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह फतेह सागर झील के पास, पन्ना विलास के सामने एक शानदार बैकग्रॉउंड के साथ स्थित है। मंदिर भगवान शिव (महाकाल) को समर्पित ... -
जगदीश मंदिर उदयपुर -(Jagdish Temple Udaipur)
Udaipurviews2 years agoजगदीश मंदिर उदयपुर के मध्य में स्थित एक विशाल मंदिर है। इसका निर्माण १६५१ में समाप्त हुआ। उदयपुर में यह पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है।यह मंदिर मारू-गुजराना स्थापत्य का उ...