– आचार्य संघ के सानिध्य में हुआ आयोजन
दूसरों की सफलता को हजम करना आसान नहीं : आचार्य कुशाग्रनंदी
उदयपुर, 12 सितम्बर। पायड़ा स्थित पद्मप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर में देवश्रमण आचार्य कुशाग्रनंदी महाराज, मुनि अजयदेव व भट्टारक देवेंद्र विजय, ब्रम्हचारिणी आराधना दीदी व अमृता दीदी संघ के सानिध्य में सकल दिगम्बर जैन समाज पायड़ा में सोमवार को 32 उपवास करने वाल तपस्विायों रमेशचन्द्र चिबोडिय़ा एवं सुशीला देवी चिबोडिय़ा सहित 16 उपवास करने वाली ब्रम्हचारणी आराधारा दीदी का सामूहिक उद्यापन करवाया गया। प्रचार संयोजक संजय गुडलिया, दीपक चिबोडिया ने बताया कि प्रात: 7 बजे नित्य नियम पूजा-अर्चना के साथ आचार्यश्री ने ३2 व 16 उपवासकतार्आें को इक्षु रस शांतिधारा करवाई, वासूपूज्य भगवान का विधान करवाया। इस दौरान मुम्बई से पण्डित महिपाल शाह एवं पदमकरण महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ।
प्रवक्ता प्रवीण सकरावत ने बताया कि आचार्य संघ के सानिध्य में सुबह 9 बजे बैंण्ड-बाजे की स्वर लहरियों के साथ पद्मप्रभु मंदिर से शोभायात्रा निकाली जो विश्वविद्यालय मार्ग, गणेश घाटी, बेकनीपुलिया, नागदा रेस्टोरेन्ट, सुथारवाड़ा होते हुए आयड़ तीर्थ स्थित आत्मवल्लभ सभागार पंहुची। जहां सभी तपस्वियों का सामूहिक पारणा हुआ। आचार्यश्री के सानिध्य में तपस्वियों के पारणे में केर का पानी, मूंग का पानी, गोंध का पानी से उपवास खुलवाया। इस अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज पायड़ा, आयड़ व केशवनगर के धर्म प्रेमी महिला-पुरूष आदि उपस्थित थे।
इस दौरान आयोजित धर्मसभा में आचार्य कुशाग्रनंदी महाराज ने कहा कि कि कुछ साल पहले दुनिया वालों को यकीन होता था कि जैन समाज के लोग गलत काम नहीं करते है। इसीलिए राजा के खजांची जैनी होते थे। ये यकीन अपने आचरण के आधार पर बनाया था। अब यकीन धीरे-धीरे कम होने लगा है हालांकि अब भी सम्मान है तो बुर्जुगों की मेहनत के कारण। उसका फल हम पा रहे है। दूसरों की सफलता को हजम करना आसान नहीं होता है।