पोषकता से भरपूर मोटे अनाज के पीछे भागने लगा है अमीर आदमी: कौशिक

मोटे अनाज के बेकरी उत्पादों से कुपोषण उन्मूलन विषयक 8 दिवसीय प्रशिक्षण का समापन
उदयपुर, 18 मार्च। कभी मोटे अनाज (श्री अन्न) यथा बाजरा, ज्वार, रागी, कांगणी, सांवा, चीना आदि को गरीबों का भोजन माना जाता था, लेकिन आज अमीर आदमी मोटे अनाज के पीछे भाग रहा है। दरअसल मोटे अनाज में ढेर सारी व्याधियों को रोकने संबंधी पोषक तत्वों की भरमार है, इसलिए लोग श्री अन्न को अपने भोजन में शामिल करने लगे हैं। यह बात प्रसार शिक्षा निदेशालय के निदेशक डाॅ. आर.ए. कौशिक ने कही। वे निदेशालय सभागार में सोमवार को मोटे अनाज के बेकरी उत्पादों से कुपोषण उन्मूलन विषयक आठ दिवसीय प्रशिक्षण के समांपन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिर्वतन के दौर में मोटे अनाज की खेती का रकबा बढ़ा है। लोगो ने भी उसका महत्व समझा तो मांग भी बढ़ी हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् अतंर्गत राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो क्षेत्रीय केन्द्र उदयपुर की ओर से अनुसूचित जाति उप-योजना अतंर्गत जीविकोपार्जन हेतु आयोजित इस प्रशिक्षण में सलूम्बर, उदयपुर जिले के चयनित 30 युवक-युवतियों ने भाग लिया। प्रसार शिक्षा निदेशालय के सहयोग से प्रतिभागियों को मोटे अनाज से जैसे- ज्वार पपड़ी, कांगणी पकोड़े, रागी केक, बाजरा लड्डू, बाजरा ब्राउनी, सांवा फ्राईम्स, कांगणी कप केक, ज्वार डोनट, ओट्स कुकीज जैसे दर्जनों व्यंजन बनाना सिखाया गया। यही नहीं प्रतिभागियों को शहर की बड़ी बेकरियों का एवं राजस्थान महिला विघालय में अचार, पापड़ के व्यावसायिक निर्माण ईकाई का भ्रमण भी कराया गया।
समारोह अघ्यक्ष क्षेत्रीय केन्द्र प्रमुख डाॅ. बी. एल. मीणा ने कहा कि प्रशिक्षण का ध्येय यही है कि सुदूर गांवों के समाज के कमजोर तबके के युवाओं का आत्मविश्वास बढ़े और वे अपने क्षेत्र में एक नया स्टार्ट-अप आरम्भ कर आर्थिक दृष्टि से न केवल मजबूत बन सके बल्कि गांव के अन्य युवाओं को भी प्रेरित कर सके। डाॅ. मीणा ने प्रतिभागियों का आह्वान किया कि प्रसार शिक्षा निदेशालय की ओर से पूरे मनोयोग से प्रशिक्षण लेने के बाद घर पर नही बैंठे, बल्कि अपने घर से ही उत्पाद बनाकर नव-व्यवसाय की शुरूआत करें। जब लगे कि इसे व्यावसायिक शक्ल दी जा सकती है, टीम बनाकर कार्य आरम्भ करंे। बेकरी व्यवसाय में 40-50 प्रतिशत तक मुनाफा है। आरंभ में क्षेत्रीय केन्द्र के प्रिसिंपल साइंटिस्ट डाॅ. आर.पी. शर्मा, रोशन लाल मीणा ने अतिथियों का मेवाड़ी पाग व उपरणा पहनाकर स्वागत किया।
इस मौके पर अतिथियों ने मोटे अनाज के विविध व्यंजन-उत्पाद बनाने की विधि-सामाग्री संबंधी बुकलेट को विमोचन भी किया। साथ ही उपरोक्त उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रत्येक प्रतिभागी को बुकलेट के अलावा पूड़ी मेकर, सेण्डविच मेकर, सेव-चिप्स बनाने की मशीन, छाछ बिलोने की मशीन का पूरा किट दिया गया ताकि गांव पहंुचने पर बिना समय गंवाए वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकंे। प्रतिभागियों ने अपने अनुभव भी साझा किए। प्रशिक्षणार्थी प्रिया मेघवाल ने राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत दी। संचालन प्रसार शिक्षा निदेशालय कि प्रोफेसर डाॅ. लतिका व्यास ने किया।

By Udaipurviews

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