उदयपुर, 11 मार्च। अजमेर वि़द्युत वितरण निगम में नवाचार के तहत कार्यस्थल पर सुरक्षा के लिये पटेल सर्कल सभागार में कार्यशाला का शुभारंभ निगम के संभागीय मुख्य अभियंता गिरीश कुमार जोशी व एमबी अधीक्षक आर.एल.सुमन, ने किया। जोशी ने उपस्थित अधिकारियों को इस वर्कशॉप का लाभ लेते हुए अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को अधिक से अधिक जानकारी देने पर बल दिया ताकि विभाग में होने वाले इलेक्ट्रोक्यूशन से कर्मचारी एवं जनता के जीवन को बचाया जा सके। यह कार्यशाला राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के नियमों के अनुरूप प्रारंभ की गई।
इस अवसर पर एमबी अधीक्षक डॉ.सुमन ने बताया कि सीपीआर की ट्रेनिंग आम जनता तक पहुंचनी चाहिए जिससे किसी भी विपरीत परिस्थिति में इसका फायदा मिल सके, विपरीत परिस्थितियों कभी भी हो सकती है जैसे की घर में, मोहल्ले में, मेले में, ट्रेन में प्लेन में अचानक किसी भी मरीज का बेहोश होना, स्वास गति रुक जाना ऐसी स्थिति में तुरंत सीपीआर की जरूरत होती है। साथ ही इलेक्ट्रिक विभाग के भी खासकर नीचे के अधिकारी, कर्मचारी तक भी यह ट्रेनिंग पहुंचनी चाहिए क्योंकि फील्ड के अंदर या पॉल, अंधेरे में कभी-कभी काम करना पड़ता है और ऐसी परिस्थितियों में उनको जरूरत पड़ सकती है। महाराणा भूपाल अस्पताल के साथ इस तरह के की ट्रेनिंग प्रोग्राम को अब सतत प्रक्रिया के रूप में लिया जाएगा।
बी.एस.शर्मा अधीक्षण अभियंता ने तकनीकी कर्मचारी को करंट लगने, ऊंचाई से गिरने, हृदयाघात एवं अन्य प्रकार की आपात स्थिति में जान बचाने के लिए विशेषज्ञां द्वारा प्रारंभिक उपचार का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस कार्याशाला में ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर ललित कुमार गन्धर्व ने फर्स्ट एड से जीवन सुरक्षा के बारे में बताया। एमबी हॉस्पिटल के एनेस्थेसिया विभाग के प्रोफेसर डॉ. रविन्द्र गहलोत ने बेसिक लाइफ सपोर्ट पर व्याख्यान दिया। दोनों विशेषज्ञों ने प्रायोगिक प्रशिक्षण के माध्यम से कई उपयोगी जानकारी दी। एमबी हॉस्पिटल के जगदीश अहीर ने भी विचार रखे। अन्त में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। वर्कशॉप के आयोजन की व्यवस्था राकेश सोनी, अधिशासी अभियंता (ट्रेनिंग) उदयपुर ने की।