जगत के जीवों का उपकार परमात्मा की वाणी से ही संभव :  आचार्य देव कल्याणसागर सूरीश्वर

– पंचकल्याणक के साथ पाश्र्वनाथ भगवान की पूजा-अर्चना की  
– भगवान का चक्रस्तव अभिषेक किया  
उदयपुर 6 जनवरी। श्री जैन श्वेतम्बर महासभा के तत्वावधान में गुरुवार को ईडर पावापूरी तीर्थ के निर्माता परम पूज्य आचार्य देव कल्याणसागर सूरीश्वर महाराज, आचार्य राजतिलक सागर सूरीश्वर, मुनि धर्मकीर्ति सागर, बाल मुनिराज धर्मराज सागर, साध्वी प्रफल्ल प्रभा, साध्वी वैराग्यपुर्णा श्रीजी आदि ठाणा के सान्निध्य में आयड़ जैन तीर्थ स्थित आत्म वल्लभ भवन में विविध आयोजन हुए।  महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आचार्यश्री की अगवानी में नवकारसी का लाभ मंजू कोठारी परिवार ने लिया। शनिवार को 9 बजे प्रवचन हुए। उससे पूर्व आरती, मंगल दीपक, सुबह सर्व औषधी से महाअभिषेक एवं अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई।   जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में पाश्र्वनाथ भगवान के जन्मकल्याणक महोत्सव के तहत 108 पाश्र्वनाथ की श्रृंखला में सविना पाश्र्वनाथ भगवान मंदिर विशेष पूजा एवं ध्वजा परिवर्तन के साथ भगवान की विश्ेाष अंगरचना की गई। भगवान का चक्रस्तव अभिषेक किया गया।  जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या इस दौरान आयोजित धर्मसभा में आचार्य ने बताया कि   तारक तीर्थकर परमात्मा वाणी के माध्यम से ही जगत के जीवों पर महान उपकार करते हैं। जिस समय अरिहंत परमात्मा समवसरण में बैठकर जगत् के जीवों को धर्म उपदेश दे रहे थे, उस समय हमारी आत्मा कहाँ थी हमे कुछ भी पता नहीं है। प्रभु की वाणी हमने सुनी या नहीं पता नहीं है। परन्तु अपने सद्भाग्य से तारक परमात्मा की उस वाणी का गणधर भगवंतों ने सूत्र के रूप में गुंथा और उन्हीं आगम सूत्रों के आधार पर पूर्वाचार्य महर्षियों ने एक से एक बढ़कर प्रकरण-ग्रन्थों का निर्माण किया। हाँ उन महा पुरुषों ने वह अपना नवसर्जन संस्कृत और प्राकृत भाषा में किया, यदि आप लोग संस्कृत और प्राकृत भाषा को जानते तो उन ग्रन्थों का रसास्वाद स्वयं भी कर सकते परन्तु काल के प्रभाव से वर्तमान जैन संघ का दुर्भाग्य है कि आज हम अपनी ही भाषा को भूल गए। आज हमारी स्थिति बड़ी दयनीय हो गई है। पानी पास में होते हुए भी प्यासा मर जाए या भोजन होते  हुए भी हम भूखे मर जाएँ, ऐसी हमारी स्थिति है। आवश्यकता है ज्ञान पिपासा को जागृत करने की।   7 जनवरी को वरघोड़ा एवं रथयात्रा व दिन में 108 पाश्र्वनाथ महापूजन एवं 8 जनवरी को सुबह तपस्वियों के तेला का पारणा किया जाएगा।

By Udaipurviews

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