एमबी हॉस्पिटल का नवाचार
उदयपुर, 5 जनवरी। महाराणा भूपाल अस्पताल में एन ए बी एच के तहत लगाए गए इमरजेंसी कोड 2022-23 में बहुत ही काम आए, बहुत ही किफायती रहे। गत डेढ़ साल में शुरू हुए कोडस अब एक इमरजेंसी के तहत अभिन्न अंग बन चुके हैं।
अधीक्षक डॉक्टर आर एल सुमन ने बताया कि पिछले साल में कुछ 33 घटनाक्रम हुए जिनके तहत सबसे अधिक 11 बार वाइट कोड का जनरेशन हुआ, 10 बार रेड कोड का जनरेशन हुआ। पिंक आठ बार कोड और चार बार ब्लू कोड भी जनरेट किए गए, परंतु किसी भी घटनाक्रम में बहुत अधिक किसी भी तरह की जनहानि या कोई भी अस्पताल को हानि नहीं पहुंची। अधीक्षक डॉक्टर सुमन ने बताया की इन कोड के कारण से सीनियर डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची है एवं किसी भी विपरीत परिस्थिति में उसको तुरंत कंट्रोल में करती है। जैसे कि व्हाइट कोड के तहत अस्पताल के किसी भी कर्मचारी अधिकारी के साथ यदि आम जन द्वारा किसी तरह की वाद विवाद बढ़ता है या अस्पताल की प्रॉपर्टी को क्षतिग्रस्त किया जाता है उस दौरान एक्टिवेट किया जाता है जिसका फायदा यह हुआ कि पिछले 1 वर्ष में एक भी घटनाक्रम बड़े लेवल पर नहीं पहुंचा ना ही किसी तरह की की कोई हड़ताल बाजी हुई। ऐसे ही रेड कोड के तहत जहां कहीं भी स्पार्किंग, आगजनि इस तरह की घटनाओं को तुरंत उच्च अधिकारियों को नोटिस में लाया जाता है। 10 बार यह कोड जनरेट हुआ परंतु कभी भी आगजनी या अस्पताल को किसी ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। आठ बार बच्चों की गुमशुदी या चोरी होना को जाना इस तरह की घटनाक्रम रिकॉर्ड हुए परंतु तुरंत इन घटनाओं पर लगाम लगाया जा सका बता दे कि अस्पताल की आंतरिक व्यवस्था के तहत 3030 कोड जनरेट किया जाता है जिससे कि तुरंत अनावश्यक एक घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके। यह एनीबीएच अक्रेडेशन हॉस्पिटल की आवश्यकता एवं उपयोग में ली जाने वाली बहुत किफायती सेवा सिद्ध हुई।