राष्ट्रीय लोक अदालत में 3481 प्रकरण निस्तारित

26 करोड 44 लाख के अवार्ड पारित
उदयपुर, 09 दिसंबर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के तत्वावधान में जिला एवं सेशन न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष श्री चंचल मिश्रा ने शनिवार को उदयपुर मुख्यालय के न्यायिक अधिकारीगण की उपस्थिति में मॉ सरस्वती को दीप प्रज्ज्वलन कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया।
प्राधिकरण सचिव एडीजे कुलदीप शर्मा ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 3481 प्रकरणों का निस्तारण किया गया जिसमें लगभग 26 करोड 44 लाख के अवार्ड पारित किये गए। इस अदालत में अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के 869 प्रकरणो का प्री-लिटिगेशन में निस्तारण किया गया। कुल 1 करोड़ 50 लाख बकाया बिजली राशि के प्रकरण निस्तारित हुए वहीं 76 लाख रूपये की नगद राशि बिजली उपभोक्ताओं ने जमा कराई एवं उपभोक्ताओं 74 लाख रुपये की राहत भी दी गई। अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिशाषी अभियंता राजस्व आई.एम.मन्सूरी एवं जिला मुख्यालय अजमेर डिस्कॉम के समस्त सहायक अभियंता एवं सहायक राजस्व अधिकारी देबारी, गिर्वा, मादड़ी, अशोक नगर, सेक्टर न. 4, अम्बामाता, सवीना, पावर हाउस प्रथम एवं पावर हाउस द्वितीय, बडगांव, मधुवन एवं विद्युत विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत में भारत संचार निगम लिमिटेड, धानी लोन्स, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, हीरो फिनकॉर्प, राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक, एच.डी.एफ.सी. बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एस.बी.आई. यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, यूको बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, आई.सी.आई.सी. बैंक, इंडियन बैंक के पदाधिकारी उपस्थित रहे ।
श्री कुलदीप शर्मा एडीजे एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उदयपुर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु उदयपुर मुख्यालय एवं तहसीलों पर स्थित न्यायालयों पर 34 बेंचों का गठन किया गया। राजस्व न्यायालयों में भी बेंचों का गठन किया गया। शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में उदयपुर मुख्यालय के न्यायिक अधिकारीगण ने प्रो-बोनो रूप से कार्य किया। उदयपुर मुख्यालय के अधिवक्तागण ने भी प्रो-बोनो रूप से बिना किसी मानदेय के प्रो-बोनो रूप से राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु गठित बेंचों में अपनी सेवाएं दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने पर प्रकरण का हमेशा के लिए निस्तारण हो जाता है। निस्तारित प्रकरण की अपील नहीं होती है। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने पर पक्षकारों द्वारा दी गई कोर्ट फीस पुनः लौटा दी जाती है। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने से पक्षकारों में आपसी भाईचारे एवं सोहार्द्र की भावना बनी रहती है। उदयपुर जिले के राजस्व न्यायालयों में भी बैंचों का गठन किया गया। वहीं जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल द्वारा पूर्व में प्रदत्त निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय लोक अदालत में राजस्व प्रकरणों का भी राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण करवाया गया।

By Udaipurviews

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