बाबा बालकनाथ ने नहीं दिया इस्तीफा, मुख्यमंत्री बनने पर संशय
– भाजपा के 11 सांसदों का इस्तीफा, इनमें 5 एमपी, 3 राजस्थान और 3 छत्तीसगढ़ से चुनाव जीते
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 21 सांसदों को मैदान में उतारा था। इनमें से 12 सांसद चुनाव जीत पाए और 9 हार गए। जीते हुए 12 सांसदों में से 11 ने बुधवार को लोकसभा सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। सिर्फ राजस्थान से चुनाव जीतने वाले बालकनाथ ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है। संसद सदस्यता छोड़ने वालों में से मध्य प्रदेश से नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, उदय प्रताप और रीति पाठक हैं। वहीं छत्तीसगढ़ से अरुण साव, रेणुका सिंह और गोमती साय जबकि राजस्थान से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीणा शामिल हैं।
राजस्थान में 7 सांसदों ने चुनाव लड़ा, 4 जीते, 3 का इस्तीफा
राजस्थान से बीजेपी की तरफ से सात सांसदों ने चुनाव लड़ा। जिसमें बाबा बालकनाथ, किरोड़ीलाल मीणा, दीया कुमार, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भागीरथ चौधरी, नरेंद्र खीचड़ और देवजी पटेल शामिल थे। इन सात में से सिर्फ चार ही चुनाव जीत सके। चुनाव जीतने वालों में राज्यवर्धन, बालकनाथ, दीया कुमार और किरोड़ीलाल का नाम है।
जिन्होंने इस्तीफा दिया उनका क्या
राजस्थान से जिन तीन सांसदों ने इस्तीफा दिया है। वे संसद सदस्यता छोड़कर विधान सभा की सदस्यता लेंगे। पार्टी इन तीनों विधायकों को मंत्री पद दे सकती है। जबकि राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को सीएम पद का दावेदार माना जा रहा है।
इस्तीफा नहीं देने वाले
राजस्थान से बाबा बालकनाथ ने सांसद पद से इस्तीफा अभी लोकसभा स्पीकर को नहीं सौंपा है। ऐसे में वह या तो आने वाले दिनों में इस्तीफा देंगे। अगर नहीं देते हैं तो उन्हें विधायक पद छोड़ना पड़ेगा। जहां पर उपचुनाव कराए जाएंगे।
मध्य प्रदेश में 7 सांसदों ने चुनाव लड़ा, 5 जीते, पांचों का इस्तीफा
मध्य प्रदेश में 7 सांसदों ने चुनाव लड़ा। जिसमें फग्गन सिंह कुलस्ते, राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक, प्रह्रलाद सिंह पटेल, गणेश सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर शामिल थे। इनमें से गणेश और कुलस्ते चुनाव हार गए। बाकी उदय प्रताप, रीति, प्रह्रलाद सिंह, नरेंद्र सिंह और राकेश चुनाव जीते।
जिन्होंने इस्तीफा दिया उनका क्या
मध्य प्रदेश में जिन पांच सांसदों ने इस्तीफा दिया। उनमें से नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद सिंह पटेल ब्ड पद की रेस में मौजूद हैं। बाकी विधायकों को राज्य की कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी के 4 सांसद, 3 जीते, तीनों का इस्तीफा
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने चार सांसदों विजय बघेल, गोमती राय, रेणुका सिंह और अरुण साव को चुनाव लड़वाया। इसमें से गोमती, रेणुका और अरुण चुनाव जीत गए। विजय बघेल को हार मिली।
जिन्होंने इस्तीफा दिया उनका क्या
छत्तीसगढ़ में जिन तीन सांसदों गोमती साय, रेणुका सिंह और अरुण साव ने सांसदी से इस्तीफा दिया। उनको राज्य सरकार में मंत्री पद मिल सकता है। हालांकि यह दोनों अभी ब्ड की रेस में नहीं हैं।
विधानसभा चुनाव जीते सांसदों को 14 दिन में छोड़नी होती है एक सीट
क्या कहते हैं नियम
कोई व्यक्ति संसद के दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा- का सदस्य नहीं हो सकता है। रिप्रिजेंशन ऑफ पीपल एक्ट (1951) के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति संसद के दोनों सदनों में चुना गया है तो उसे 10 दिन के अंदर ये बताना होगा कि वह किस सदन का सदस्य रहना चाहता है। अगर वह समय रहते इसकी जानकारी नहीं देता है, तो राज्यसभा में उसकी सीट अपने आप खाली हो जाएगी। अगर किसी सदन का सदस्य दूसरे सदन के लिए भी चुन लिया जाता है, तो पहले सदन में उसकी सीट खाली हो जाएगी। अगर कोई व्यक्ति किसी सदन में दो सीटों पर चुना गया है, तो उसे एक सीट चुननी होगी। वर्ना उसकी दोनों सीटें खाली हो जाएंगीं। इसी तरह कोई व्यक्ति एक ही समय पर संसद और विधानसभा का सदस्य नहीं रह सकता है। अगर कोई व्यक्ति संसद और विधानसभा दोनों के लिए चुना जाता है, तो उसे 14 दिन के अंदर विधानसभा की सीट खाली करनी होगी, वर्ना संसद की उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी।
जिन सांसदों ने सदस्यता छोड़ी उनकी सीट का क्या
नियम के मुताबिक, संसद या विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद खाली सीट पर छह महीने के अंदर चुनाव कराने होते हैं। चूंकि इस बार 2024 में मई तक नई सरकार बन सकती है। ऐसे में हो सकता है सांसदों की खाली सीट पर एक साथ अगले साल ही चुनाव कराए जाएं।