उदयपुर, 16 अगस्त। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बलीचा का चयन कर इस अभियान का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक डॉ. जेड.ए. काजी थे जबकि अध्यक्षता सीएमएचओ डॉ. एस.एल बामनिया ने की। विशिष्ट अतिथि समाजसेवी विवेक कटारा, जिला क्षय अधिकारी डॉ. आशुतोष सिंघल, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी गिर्वा डॉ. अरूण सिंह, चिकित्सा अधिकारी डॉ. हेमन्त दामा, बलीचा सरपंच श्रीमती लक्ष्मी बाई, उप सरपंच शिवलाल गुर्जर, पंचायत समिति सदस्य श्रीमती बिन्दु गुर्जर आदि उपस्थित थे।
संयुक्त निदेशक डॉ. जेड.ए. काजी ने बताया कि टीबी सिर्फ एक शारीरिक बीमारी नहीं है, इसका रोगी एवं परिवार पर प्रतिकूल, सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव पड़ता है, इसलिए सामुदायिक समर्थन बहुत आवश्यक है। जब उदयपुर के ग्रामीण इलाकों में विकेन्द्रीकृत स्वास्थ्य सेवाऐं वंचित लोगों तक पहुंचती है, तभी हमारा देश समान और वहन योग्य स्वास्थ्य सेवा तक सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने की उम्मीद कर सकता है, खासकर टीबी जैसी बीमारी के लिए।
सीएमएचओ डॉ. बामनिया ने बताया कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत का मुख्य उद्देश्य आमजन में इस रोग के प्रति जागरूकता प्रदान करना और कलंक को कम करना, टीबी रोगियों का शीघ्र निदान और उपचार, टीबी रोगियों एवं परिवारों की सहायता करना, सक्रिय मामलों का पता लगाना, वर्तमान टीबी रोगियों का सफल उपचार व सामुदायिक जागरूकता पैदा करना है। विशिष्ट अतिथि कटारा ने कहा कि कार्यक्रम में उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु पंचायत स्तर पर जागरूकता गतिविधियां सरपंच, उप सरपंच, वार्ड पंच, स्थानीय नेता व सामाजिक कार्यकर्त्ता आदि की भागीदारी आवश्यक रूप होनी चाहिये।ग्राम पंचायत सरपंच लक्ष्मी बाई ने भी विचार रखे।
जिला क्षय अधिकारी डॉ. आशुतोष सिंघल ने बताया कि यह टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान 24 अप्रेल तक चलेगा। उदयपुर जिले में वर्ष 2025 तक क्षय उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में इस अभियान को प्रारम्भ किया जा रहा है, जिसकी थीम है-‘‘म्हारे गांव टी.बी. ना पसारे पाँव’’। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा इस अभियान के प्रथम चरण के अन्तर्गत प्रत्येक ब्लॉक की 5 ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त बनाये जाने हेतु चयनित किया गया है। इन ग्राम पंचायतों में आशा, एएनएम व आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता द्वारा घर-घर जाकर टीबी की स्क्रीनिंग की जाएगी व संभावित टीबी मरीजों की नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर पूर्णतः निःशुल्क स्पुटम जांच एवं एक्सरे किया जाएगा। जाँच उपरान्त खोजे गये टीबी मरीजों को तुरन्त प्रभाव से निःशुल्क उपचार प्रारंभ किया जाएगा। हर टीबी रोगी को इलाज के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत दिये जाएंगे।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, चिकित्साकर्मी, शिक्षाकर्मी, टीबी चैम्पियन एवं स्थानीय ग्रामवासियों के साथ एनटीईपी कार्यक्रम के चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीयूष सोनी, डॉ. प्रेमचन्द निनामा, जिला कार्यक्रम समन्वयक देवेन्द्र पाल, जिला पीपीएम समन्वयक महिपाल सिंह, एसटीएस अनूप खण्डेलवाल, भोजराज पंवार, विनोद वैष्णव, दिनेश चौबीसा, भेरूलाल तेली एवं जीत प्रोजेक्ट की टीम का सक्रिय एवं सराहनीय सहयोग रहा।