उदयपुर। गुलाबी सर्दी की सुबह 6 बजते ही प्रज्ञा शिखर महाप्रज्ञ विहार में में श्वेत व लाल परिधान में 200 दंपतियों का पहुँचना शुरू हो गया
अवसर था शासनश्री मुनि सुरेश कुमार के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद् उदयपुर द्वारा आयोजित आचार्य मानतूँग रचित चमत्कारी भक्तामर महा- अनुष्ठान का
नमस्कार महामंत्र से शुरू हुए अनुष्ठान में आदिनाथ स्तोत्र के 48 श्लोकों का ऋद्धि -सिद्धि मंत्रों के साथ यंत्र को सिद्ध किया गया
इस अवसर पर ध्यान साधक शासन श्री मुनि सुरेश कुमार ने कहा – राजा ने आचार्य मानतूँग के चमत्कारों की परीक्षा लेने उन्हें 48 तालों से युक्त कारागृह में क़ैद कर दिया गया । उन्होंने आदि तीर्थंकर भगवान ऋषभ की स्तुति करते हुए एक -एक श्लोक की रचना करते हुए 48 श्लोकों की रचना कि तो एक -एक करके 48 ताले टूट गये, भक्तामर स्तोत्र महान महिमामय स्तोत्र है इसका प्रतिदिन अनुष्ठान करने वाले को अपार ऋद्धि -सिद्धियाँ प्राप्त होती है
अनुष्ठान निर्देशक मुनि संबोध कुमार ने नव्य स्वर में अनुष्ठान करवाते हुए कहा- जीवन में तकलीफ़े चाहे कुछ भी हो एक भक्तामर की साधना कर ले तो सिद्धियाँ स्वयं हमारे दरवाज़े पर दस्तक देगी अमेरिका में भक्तामर को हीलिंग चिकित्सा पद्धति में शामिल किया गया है , उन्होंने भक्तामर के विविध प्रयोग बताये
मुनि सिद्धप्रज्ञ ने कहा -महा-अनुष्ठान एक दिव्य अनुभूति है , मंत्र साधना से सिद्धिया मिल जाती है मगर उन सिद्धियों को पचाने के लिए ज़रूरी है हम अपने समर्पण को बनाये रखें
स्वागत परिषद् अध्यक्ष विक्रम पगारीया व आभार मंत्री भूपेश ख़मेसरा ने व्यक्त किया
महाप्रज्ञ विहार में पहली बार आयोजित महा-अनुष्ठान में तेरापंथ सभा , युवक परिषद्, महिला मंडल , प्रोफेशनल फोरम, किशोर मंडल,कन्या मंडल की उल्लेखनीय उपस्थिति व सहयोग रहा।
इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रायोजक राकेश तोतावत, मुकेश तलेसरा, मनोज भंसाली, प्रकाश बाबेल, मोना पोरवाल, गनपत मदरेचा, पवन सुराना, प्रवीण हिरण, मनोज बाबेल का उपरना ओढ़ाकर अभिनन्दन किया गया।