आत्मा तभी सुंदर बनेगी जब मान, माया, क्रोध, राग द्वेष विकारों को दूर करेंगेःसुकनमुनि महाराज

उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमण संघ की ओर से सिंधी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में चल रहे चातुर्मास में श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने प्रातकालीन सभा में कहा कि जिनवाणी से अनेकों अनेकों का कल्याण हुआ है। जिनवाणी मां सभी का कल्याण करती है। हमें अपने जीवन को सुंदर बनाने के लिए मान, माया, क्रोध, राग द्वेष को दूर करना पड़ेगा। हमारी आत्मा तभी सुंदर बनेगी जब हम इन सभी विकारों को दूर कर पाएंगे।
मुनि श्री ने कहा कि सभी को अपने जीवन में अपने-अपने कर्मों के हिसाब से फल मिलता है, सुख मिलता है, समृद्धि मिलती है। सभी जीवो में सर्वश्रेष्ठ मानव जीवन को माना गया है। महावीर के सिद्धांत और महावीर की वाणी से हम स्वयं अपने मोक्ष का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। यह शक्ति केवल मनुष्य जीवन में ही मिलती है। इसलिए गरीब और पीड़ित की सेवा करके हम अपनी आत्मा के कल्याण के लिए सजग रहे। जीवन में हमेशा दिखावे से दूर रहे। हमें जो भी मिला है या जो भी हम प्राप्त कर रहे हैं उसी में अपने जीवन का कल्याण करने का प्रयास करें।
सभा के प्रारंभ में विविध प्रकार के जैन स्रोतों का सामूहिक जाप किया गया। प्रमुख रूप से घंटाकरण स्तोत्र का जाप हुआ। वरुण मुनि ने बताया कि घंटाकरण स्रोतों के जाप से श्रावकों के जीवन में आने वाले संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इसके पठन और जाप से आत्म कल्याण होता है। स्वयं महावीर भगवान प्रसन्न होते हैं, और वह सब जीवों के संकट का समाधान करने में सहायक होते हैं। इसी के साथ शांति धारा का विशेष सामूहिक जाप किया गया। वरुण मुनि ने बताया कि शांति धारा का विशेष जाप किसी भी कार्य सिद्धि के लिए किया जाता है।

By Udaipurviews

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