नव आगंतुक छात्राध्यापकों का दीक्षारंभ समारोह

जीवन में सफलता के लिए शारीरिक, मानसिक, अध्यात्मिक विकास जरूरी – प्रो. सारंगदेवोत

उदयपुर 23 अगस्त / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के अन्तर्गत संचालित बी.एड., बीए बीएड, बीएसी बीएड के नव आगन्तुक छात्राध्यापकों के लिए आयोजित दीक्षारंभ समारोह का शुभारंभ कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह  सारंगदेवेात, प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग, डॉ. अमी राठौड़, डा. बलिदान जैन, डॉ. सुनिता मुर्डिया, डॉ. रचना राठौड़ ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया।
अध्यक्षता करते हुए प्रो. सारंगदेवोत ने नवप्रवेशित छात्राध्यापकों का आव्हान किया कि जीवन में सफलता के लिए शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक विकास जरूरी है। शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे नव आगन्तुक छात्राध्यापकों को राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने की प्रेरणा दी व साथ ही उन्हे उत्कृष्ट प्रशिक्षण लेकर भविष्य में छात्रों को शिक्षा के साथ साथ समाज में भारतीय संस्कृति व मूल्यों को चरितार्थ कराने उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। हम कितना भी तकनीक का उपयोग कर ले आत्मीयता क्लास रूम से ही आती है, इससे गुरू और शिष्य को आपस में समझने का अवसर मिलता है। हमारे सनातन मूल्य कभी बदल नहीं सकते और यही हमारी पहचान है।  वर्तमान में शिक्षक के प्रति सम्मान कम होता जा रहा है जिसके लिए हम सभी दोषी है इसके लिए गुरू शिष्य परम्परा को पुनः कायम करना होगा। प्रो. सारंगदेवोत ने उदाहरण देते हुए कहा कि समाज के लिए जब तक आप उपयोगी है आपको याद करते रहेंगे इसलिए जीवन में अपनी वेल्यू को बढाना होगा। यदि हम  जीवन में कुछ करना चाहते है ,तो समय के साथ चलना होगा और अपनी सार्थकता को बनाये रखना होगा। समय के साथ वर्तमान चुनौतियों का सामना कर आगे बढ़ना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहा करते है चुनौतियों को अवसर में बदलने की कला होनी चाहिए तभी हम आगे बढ़  पायेंगे। उन्होने कहा कि स्कील के बिना शिक्षा अधूरी है इसलिए जीवन मेें किसी एक क्षेत्र में अपनी पहचान अवश्य ही बनाये और अपने जीवन मूल्यों से कभी समझौता नहीं करे। सफलता के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण जरूरी है। विनाश व निर्माण हमारे हाथों में है।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ. सरोज गर्ग ने कहा कि आज से विधार्थी, अभिभावक विश्वविद्यालय का हिस्सा है। युवा शक्ति राष्ट्र का भविष्य है। विधार्थियों को कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।
संचालन डॉ. हरीश चौबीसा ने किया जबकि आभार डॉ. रचना राठौड़ ने दिया। समारोह में महाविद्यालय के अकादमिक कार्यकर्ता एवं विधार्थी उपस्थित थे।

By Udaipurviews

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