-लंदन-कोलकाता-सिंगापुर वाया उदयपुर की अवधारणा दी थी स्व. हुकमराज मेहता ने
-वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उदयपुर से सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय बुलेट रेलमार्ग बनना बड़ी चुनौती नहीं
उदयपुर, 30 जुलाई। उदयपुर सिटीजन सोसायटी के श्रद्धेय सदस्य स्वाधीनता सेनानी स्व. हुकमराज मेहता ने जो सपना वर्ष 2001 में देखा था, वह आज भी साकार हो सकता है, यदि मजबूती से सकारात्मक प्रयास किए जाएं। उनका सपना था लंदन-कोलकाता-सिंगापुर वाया उदयपुर अंतरराष्ट्रीय रेलमार्ग का। तब भले ही बुलेट ट्रेन जैसी अवधारणा की चर्चा नहीं थी, लेकिन आज के परिप्रेक्ष्य में यदि इस सपने में बुलेट ट्रेन की अवधारणा को जोड़ दिया जाए तो वैश्विक स्तर पर भारत न केवल एक कीर्तिमान बनाएगा, बल्कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के अपने आध्यात्मिक संदेश को भी स्थापित करेगा।
यह कहना है उदयपुर सिटीजन सोसायटी के अध्यक्ष क्षितिज कुम्भट का। कुम्भट ने उदयपुर अंचल के महत्वपूर्ण हिस्से मावली-बड़ीसादड़ी बड़ी लाइन के लोकार्पण को लेकर बड़ीसादड़ी आ रहे रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का स्वागत करते हुए कहा है कि उदयपुर सिटीजन सोसायटी की ओर से 11 नवम्बर 2001 को आयोजित सांसद सम्मेलन में मेहता ने लंदन-कोलकाता-सिंगापुर अंतराष्ट्रीय रेलमार्ग को उदयपुर से जोड़ने की अवधारणा को प्रस्तुत किया था। इसमें उन्होंने नवम्बर 2000 में भारत, वियतनाम, म्यांमार, कंबोडिया और लाओस के मंत्रियों की लाओस की राजधानी वियनतियाने में हुई बैठक में ‘मेकांग गंगा को-ऑपरेशन’ घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर का संदर्भ देते हुए बताया था कि इस घोषणा में परिवहन गलियारों को विकसित करने के प्रावधान हैं। एशियाई राजमार्ग परियोजना को कोलालमपुर, होचिमिन्ह सिटी, फोनपेन, बैंकॉक, विएतनिअंस चिंगमाई, यांगून (रंगून) मैंडले, केलेमिया, टैमी, ढाका और कोलकाता के माध्यम से सिंगापुर को नई दिल्ली से जोड़ने की उम्मीद बंधी। इसी के मद्देनजर लंदन-कोलकाता-सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय रेलमार्ग की अवधारणा स्व. मेहता ने रखी। स्वाधीनता सेनानी स्व. मेहता ने तब कहा था कि देश के दोनों छोर से पड़ोसी देशों के साथ इस रेलमार्ग का जुड़ना वैश्विक सम्बंधों की नई शुरुआत भी होगी। इसका पूरा प्रस्तुतीकरण तब रेल मंत्रालय व संबंधित देशों के दूतावासों को भी प्रेषित किया गया था।
कुम्भट ने बताया कि सोसायटी अपनी स्थापना से ही उदयपुर अंचल में रेल विकास के मुद्दों पर प्रखरता से प्रयास करती रही है। इसी क्रम में वर्ष 2001 में हुए सांसद सम्मेलन में लंदन-कोलकाता-सिंगापुर वाया उदयपुर अंतरराष्ट्रीय रेलमार्ग पर जनप्रतिनिधियों ने भी सकारात्मकता प्रदर्शित की थी। उदयपुर सिटीजन सोसायटी आज भी यह मानती है कि असंभव कुछ भी नहीं है। और आज जबकि बुलेट ट्रेन के मार्ग में भी उदयपुर अंचल का बड़ा हिस्सा शामिल किया जाना प्रस्तावित है, इसे प्राथमिकता देते हुए इस अवधारणा को मजबूती से हकीकत के धरातल पर उतरा जा सकता है। कुम्भट ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में उदयपुर से सिंगापुर तक अंतरराष्ट्रीय रेलमार्ग कोई बड़ी चुनौती नहीं है। यदि इस मार्ग को बुलेट ट्रेन के लिए तैयार किया जाए तो पर्यटन के साथ अन्य व्यापार में समृद्धि के नए सोपान स्थापित होंगे।
कुम्भट ने कहा कि बुलेट ट्रेन के दिल्ली-मुम्बई रूट के लिए भी वाया उदयपुर को शॉर्ट रूट माना गया है और बुलेट ट्रेन का मार्ग उदयपुर से प्रस्तावित भी किया गया है, लेकिन लम्बे समय से इस सम्बंध में किसी भी तरह की प्रगति सामने नहीं आने से उदयपुर अंचल को ऐसा महसूस हो रहा है कि कहीं उदयपुर से दिल्ली की चार घंटे की दूरी दूर तो नहीं होती जा रही है। सोसायटी ने बुलेट ट्रेन को उदयपुर अंचल के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए इससे उदयपुर को वंचित नहीं किए जाने का आग्रह किया है।
सोसायटी ने मावली-मारवाड़ आमान परिवर्तन को भी मेवाड़ से मारवाड़ के जुड़ाव और विकास के मद्देनजर महत्वपूर्ण बताते हुए इस परियोजना पर भी ध्यान देने की जरूरत बताई है। इस परियोजना से न केवल मेवाड़ बड़ी रेललाइन से मारवाड़ से जुड़ेगा, बल्कि रेतीले धोरों का पर्यटन झीलों की लहरों से शॉर्टेस्ट रूट से सीधा जुड़ सकेगा जो दोनों ही क्षेत्रों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। पर्यटन के साथ में यह मार्ग सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।