30 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी
उदयपुर। उदयपुर के गोगुन्दा थाने में गुरुवार शाम हिरासत में हुई युवक की मृत्यु के बाद से चल रहा गतिरोध शनिवार सुबह समाप्त हो गया। परिजनों की मांगें मान लिए जाने के बाद मृतक का शव मोर्चरी से उठा लिया गया और उसे दाह संस्कार के लिए उसके गांव ले जाया गया। जानकारी के अनुसार सरकार की तरफ से 30 लाख रुपये मुआवजा व मृतक आश्रित परिवार के एक जने को सरकारी नौकरी का प्रस्ताव मान लिए जाने के बाद समाज ने अपना विरोध खत्म किया।
उल्लेखनीय है कि गोगुन्दा कस्बे के पास एक गांव से युवती को भगाकर ले जाने के मामले में युवक सुरेन्द्र सिंह निवासी देवड़ों का खेड़ा को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। पूछताछ के दौरान युवक की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि युवक की मौत हार्टअटैक से हुई है। इसकी जानकारी परिजनों, स्थानीय समाजजनों को मिलते ही आक्रोश व्याप्त हो गया। गुरुवार रात से ही थाने पर भीड़ जमा थी। समाजजन और करणी सेना सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव कर लिया था। समाज ने पूरे थाने को निलम्बित करने, हत्या का मामला दर्ज करने, मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने, 50 लाख मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग रखी थी। मामले की गंभीरता के चलते जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा व जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा भी मौके पर पहुंचे थे।
शुक्रवार शाम को मामले में थानाधिकारी अनिल विश्नोई सहित 5 पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया और थाने के शेष पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। साथ ही, सरकार को 50 लाख रुपये मुआवजा व सरकारी नौकरी का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया। पोस्टमार्टम भी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में करवाया गया।
इस बीच, शुक्रवार रात को समाज ने यह बात रखी कि मुआवजा व सरकारी नौकरी तय नहीं होने तक मृतक का शव नहीं उठाया जाएगा। समाज व विभिन्न संगठनों ने शनिवार सुबह जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन का भी एलान कर दिया। देर रात तक चली वार्ता के बाद जब मुआवजे की राशि 30 लाख और मृतक के छोटे भाई को नौकरी पर सहमति बनी, तब शनिवार सुबह का प्रदर्शन स्थगित कर शव उठाया गया।