पति के प्रेम कम करने पर बड़ी पत्नी ने छोटी पत्नी को उतारा मौत के घाट

उदयपुर जिले के कल्याणपुर क्षेत्र की घटना
उदयपुर। जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के माण्डवा उपला फला गांव से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जहां एक युवक की दो पत्नियों के बीच विवाद होने पर बड़़ी ने छोटी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। घटना सोमवार रात की है लेकिन घटना का खुलासा मंगलवार देर शाम तब हो पाया जब मृतका के पीहर पक्ष के लोगों ने इसकी शिकायत थाने में की। पुलिस ने रात को हत्या की आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया और मृतका का शव सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है।
बताया गया कि मंगलवार दिन भर मृतका के परिजन मौताणे की रकम को मृतका के पति तथा उसके परिजनों पर दबाव बनाए हुए थे। उनकी मांग के मुताबिक मौताणा देने से इंकार करने पर मंगलवार शाम पीहर पक्ष के लोगों ने घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी थी। कल्याणपुर थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि माण्डवा उपला फला निवासी गणेश पुत्र सोमा आदिवासी की शादी साल 2015 में सामाजिक रीति रिवाज के मुताबिक माया से हुई थी। जिससे उसकी दो संतानें हैं। शादी के बाद वह पार्वती नामक युवती से प्रेम करने लगा तथा साल 2019 में गणेश ने पार्वती से नाता प्रथा के तहत उससे शादी कर ली थी। जिससे उसकी एक संतान है। पार्वती से शादी करने के बाद माया को लगने लगा था कि उसका पति उसकी बजाय पार्वती से ज्यादा प्यार करता है। जिसके चलते उसे पार्वती पसंद नहीं थी। कुछ दिन पहले गणेश मजदूरी के लिए बाहर चला गया। सोमवार रात मकान में माया और पार्वती और उनकी संतानें ही मौजूद थी। दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। जिसके बाद पार्वती घर के आंगन में सोने चली गई। इधर, माया ने मौका पाकर पार्वती पर हमला कर दिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसकी जानकारी पास ही रहने वाले गणेश के दूसरे परिजनों को हुई तो उन्होंने गणेश तथा पार्वती के पीहर में रहने वाले परिजनों को दी। जिस पर गणेश और पार्वती के पीहर पक्ष के लोग मंगलवार सुबह गांव आ गए थे। पार्वती के पीहर पक्ष के लोगों ने इस घटना को लेकर गणेश और उसके परिजनों से मौताणे की रकम मांगी लेकिन उनके इंकार करने पर पार्वती के परिजनों ने पहले जमकर हंगामा मचाया और बाद में कल्याणपुर थाने पहुंचकर हत्या का मामला दर्ज कराया ।
क्या है मौताणा और नाता प्रथा
उदयपुर संभाग के आदिवासी समाज में मौताणा और नाता दोनों कुरुतियों दशकों से चली आ रही है। किन्हीं कारणों से किसी भी व्यक्ति की मौत होने पर वह उसके लिए जिम्मेदार ठहराए व्यक्ति, परिवार तथा यहां तक समाज और गांव तक से मौताणा यानी मौत के बदले आणा (रकम) मांगते हैं। मौताणे की रकम मिलने पर वह आरोपी पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कराते। जबकि नाता प्रथा आदिवासी समाज में शादी की एक परम्परा है, जिसमें युवक अपनी पसंद की युवती के साथ बिना किसी रीतिरिवाज के साथ पत्नी के तौर पर रख लेता है। इस परम्परा को आदिवासी समाज ने स्वीकृति दे रखी है। यहां तक क्षेत्र के सांसद, विधायक सहित कई आदिवासी नेताओं की दो-दो पत्नियां हैं। जिनमें एक उन्होंने रीति रिवाज के तहत शादी की है, जबकि दूसरी युवती को वह नाता प्रथा के तहत पत्नी के रूप में रखे हुए हैं।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!