भीलवाड़ा 8 मार्च। अनुसंधान निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा प्रायोजित फसल बीजोत्पादन तकनीकी विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र में किया गया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी.एम. यादव ने किसानों को उन्नत बीज उत्पादन द्वारा अपनी आजीविका बढ़ाने का सुझाव दिया। डॉ. यादव ने बीज उत्पादन हेतु आवश्यक दशाएँ, जलवायु, बीज एवं बीज उपचार, मिट्टी में उपस्थित पौषक तत्त्वों की तकनीकी जानकारी दी। डॉ. के. सी. नागर, प्रोफेसर शस्य विज्ञान ने बीज की गुणवत्ता, खरपतवार एवं सिंचाई प्रबन्धन तकनीकी से अवगत करवाते हुए बीज के सुरक्षित भण्ड़ारण एवं विपणन की जानकारी दी।
कृषि महाविद्यालय भीलवाड़ा के डीन डॉ. एल.एल. पंवार ने बताया कि कृषि को आत्मनिर्भर बनाने में बीज का अहम रोल होता है बीज जितना अच्छा होगा फसल उतनी ही शानदार होगी। डॉ. पंवार ने प्रमाणित बीजों का उपयोग कर बीज उत्पादन करने की आवश्यकता जताई।
केन्द्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. ओ.पी. पारीक ने बीज उत्पादन एवं ग्रेडिंग हेतु उन्नत कृषि यंत्रों के उपयोग एवं रखरखाव की जानकारी दी। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता प्रकाश कुमावत ने बीज उत्पादन हेतु रोग एवं कीट नियंत्रण की जानकारी से अवगत कराया।
सहायक कृषि अधिकारी नन्द लाल सेन ने बताया कि प्रशिक्षण में 50 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।