राजसमंद। कृषि विभाग की ओर से संचालित राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत तारबन्दी योजना के दिशा – निर्देश में राज्य सरकार ने संशोधन किया है। इसके तहत खम्भे/पिल्लर/एंगल की दूरी अब 10 फीट के स्थान पर 15 फीट करने से किसानों को तारबन्दी कराने पर कम लागत आएगी। कृषि विभाग के संयुक्त निर्देशक कृषि (वि.) कैलाश चन्द मेघवंशी ने बताया की पूर्व में जारी दिशा – निर्देश में संशोधन होने से किसानों को तारबन्दी करने में पहले की अपेक्षा आसानी रहेगी। इसके तहत संशोधित नये नियमों के अनुसार अब तारबन्दी के लिए खम्भे/पिल्लर/एंगल की दूरी 10 फीट के स्थान पर 15 फीट की दूरी पर खम्भें लगा सकेगें। इसके साथ ही 6 आढे लाइन तार के स्थान पर 5 आढे लाइन तार लगा सकेगें। प्रत्येक दसवें खम्भें के स्थान पर पन्द्रहवें खम्भें पर एक अतिरिक्त खम्भें से सपोर्ट लगाना होगा। जिससे किसानों को एक तार की बचत होगी साथ ही खम्भों के बीच की दूरी अधिक करने से खम्भों की संख्या में कमी आने से खर्चा कम आएगा। अतः आर्थिक भार में कमी आएगी। संयुक्त निर्देशक कृषि (वि.) कैलाश चन्द मेघवंशी ने बताया की रबी फसलों में कटाई का कार्य चालु हो गया है। अतः जिन किसानों के नाम से प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा चुकी है ऐसे किसानों से निवेदन है की अतिशीघ्र तारबन्दी का कार्य पूर्ण कर ले अन्यथा उनकी प्रशासनिक स्वीकृति को निरस्त कर नये किसानों के नाम से प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी जाएगी। व्यक्तिगत या समूह में प्रति किसान 400 रनिंग मीटर सीमा तक 100 रू.प्रति मीटर पर सम्बंधित कृषक या कृषक समूह की ओर से निर्धारित नियमानुसार तारबन्दी करानें पर विभाग की ओर से अनुदान देय है। लघु-सीमांत किसानों को अधिकतम 48000 रूपये एवं सामान्य कृषकों कों को 40000 रूपये का अनुदान देय होगा। फसलों की आवारा पशुओं से रक्षा की जा सकेगी। इनमें नील गाय समेत अन्य खुले मवेशी शामिल है। कृषि विभाग की इस योजना का लाभ उठाने के लिए राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के लिए नवीनतम जमाबन्दी, नक्शा ट्रेस, जनाधार कार्ड से ई-मित्र पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
फसलों की सुरक्षा हेतु तारबन्दी योजना में संशोधन, योजना को बनाया आसान
