राजस्थान के वनकर्मियों ने 15 सुत्रीय मांग पत्र को लागु नही करने तक कार्य बहिष्कार व धरने पर डटे रहने का लिया निर्णय

उदयपुर । सयुक्त संघर्ष समिति वन विभाग राजस्थान, जयपुर के आव्हान पर आज भी उदयपुर मे कार्य बहिष्कार एवं धरना जारी रहा जिसके क्रम में सज्जनगढ़ सेचुंरी (मानसुन पैलेस) व सज्जनगढ़ बायोपार्क ,फुलो की घाटी (चीरवा) ,बायोडायर्वसिटी पार्क ,पुरोहितो का तालाब, बाघदड़ा नेचर पार्क, जयसमन्द सेचुंरी एवं बर्डपार्क गुलाबबाग ,फुलवाड़ी की नाल ,गोल्डनपार्क, प्रताप उप वन (देबारी) ,बांकी नर्सरी, सीतामाता नर्सरी, कालका माता नर्सरी, अरण्य कुटीर नर्सरी, षिल्पग्राम नर्सरी पुरी तरह से बन्द पड़ी है। इस के साथ पुरे जिले के वनकर्मी सज्जनगढ़ गेट पर आज भी डटे हुए है।
वनकर्मियों को 10 फरवरी को राजस्थान सरकार द्वारा पेश  किये गये बजट से बड़ी उम्मीदे थी परन्तु पुरी तरह से निराशा   मिली उसी के साथ पुरे राजस्थान से राजस्थान के वनकर्मियों ने 15 सुत्रीय मांग पत्र को लागु नही करने तक कार्य बहिष्कार व धरने पर डटे रहने का निर्णय लिया। धरना स्थल पर आज भी 400 से ज्यादा वनकर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर सज्जनगढ़ गेट को बन्द जारी रखा , जिससे ॅममाम्दक होने से 3500 से ज्यादा पर्यटक निराशा  लोटे, जिनमें 400 विदेशी पर्यटक भी निराश  लोटे। वन कर्मियों के हड़ताल पर होने की वजह से फिल्ड से भी भारी समस्याओं की सूचनाएं प्राप्त होने लगी है। इसी के क्रम में भल्लो का गुड़ा में पेंथर द्वारा घर के पास बाड़े में घुस कर गाय का शिकार  कर किया गया एवं जयपुर के जमरावगढ़ के टोड़ा मीना क्षैत्र में पेथंर के हमले से 2 साल मासुम बच्चे की मोत हो जाने से उदयपुर के समस्त वनकर्मियों द्वारा 2 मिनिट का मोन रख कर मासुम व उसके परिवार के प्रति सवेदनां व्यक्त की एवं पूर्ण रूप से उसका जिम्मेदार राजस्थान सरकार व उनके अधिकारियों की हट धर्मिता को माना ।
पूर्व में भी उदयपुर शहर के समीप वन क्षैत्र थूर मंगरा में आग लगने की घटना व इससे 10 से 15 हेक्टयर वन क्षैत्र जल के खाख हो गया ,सज्जनगढ़ में भी पूर्व में पेथंर पिजंरा तोड़कर बाहर निकल गया ,अगर अब भी इसी तरह सरकार की हट धर्मिता जारी रही तो उदयपुर शहर की प्राकृतिक सुन्दरता को ग्रहण लग जायेगा वन एवं वन्यजीवों की हानि एवं मानवीय जान का नुकसान हो सकता है धरणास्थल पर प्रिन्ट मिडिया द्वारा आकर पुछने पर अपना 15 सुत्रीय मांग पत्र दिखाया जिसमें प्रमुख रूप से उनके द्वारा पुलिस, पटवारी, ग्रामसेवक के समान वेतन भत्ते एवं वनकर्मियों की कितनी घन्टे की ड्युटी है सरकार लिखित में देवे क्योकि वनकर्मी एवं वाहन चालक ओर कार्यप्रभारित से 24 घन्टे की ड्युटी ली जा रही है । इसी क्रम में उन्है ना ही हार्ड ड्युटी अलाउन्स एवं ना ही पेट्रोल भत्ता दिया जाता है। साथ ही रेन्ज अधिकारी से उपर समस्त अधिकारियों को वाहन उपलब्ध है एवं फिल्ड में गस्त एवं अवेध खनन को रोकने के लिये कोई वाहन उपलब्ध नही है। इस वजह से वन एवं वन्यजीवो की ट्रेकिंग ,सर्विलान्स, गस्त की पुरी व्यवस्था चोपट हो रही है ।

By Udaipurviews

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