पहली किस्त में कुल 71 विद्यार्थियों के खाते में रिफंड हुए 29 लाख 84 हजार 346 रुपए
जयपुर, 16 जून। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध ग्रस्त हालातों में फंसे राजस्थान के विद्यार्थियों की सकुशल घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राजस्थान फाउंडेशन को नोडल एजेंसी बनाया गया था, फाउंडेशन के आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने विदेश मंत्रालय और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से समन्वय में स्थापित करते हुए सभी विद्यार्थियों की सकुशल घर वापसी के हर संभव प्रयास किए तथा ऑपरेशन गंगा शुरू होने के बाद देश के विभिन्न एयरपोर्ट्स से विद्यार्थियों को निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।
नई दिल्ली में गुरुवार को फाउंडेशन के आयुक्त श्री श्रीवास्तव ने बताया कि यूक्रेन संकट के दौरान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने यह घोषणा की थी कि राजस्थान के जो बच्चे अपने निजी खर्च से वापस लौटे उनके टिकट खचोर्ं का पुनर्भरण राज्य सरकार करेंगी। उसी दिशा में कदम उठाते आज पहली किस्त में यूक्रेन से लौटे 71 प्रवासी राजस्थानी विद्यार्थियों के खातों में 29 लाख 84 हजार 346 रुपए डिजिटली ट्रांसफर कर दिए गए।
श्री धीरज श्रीवास्तव ने बताया यूक्रेन में फंसे हुए नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा की शुरुआत करने से पहले तथा विदेश मंत्रालय द्वारा एडवाइजरी जारी करने के बाद 15 फरवरी से 23 फरवरी के बीच जितने भी राजस्थान के विद्यार्थी अपने खर्चे से स्वदेश लौटे थे उनके खाते में हमने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार टिकट पुनर्भरण यह राशि डिजिटली ट्रांसफर कर दी है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के खातों में पैसा पहुंचने पर उनके परिजनों ने फोन करके मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत और राज्य सरकार के प्रयासों की खूब प्रशंसा की है तथा सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
श्री धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि यूक्रेन से लौटने वाले प्रवासी राजस्थानी बच्चों को राज्य सरकार ने अपने खर्चे पर देश के विभिन्न एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों से घर तक पहुंचाने में निशुल्क सेवाएं प्रदान की थी जिसका पूरे देश में उदाहरण स्थापित हुआ था।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के संवेदनशील व्यक्तित्व और प्रदेश वासियों के लिए उनके हर संभव मदद करने के चिर परिचित व्यवहार से प्रेरणा लेकर ही हम उस मिशन को इतनी सफलतापूर्वक संपन्न कर पाए थे तथा मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप हम आगे भी इन विद्यार्थियों की पढ़ाई के सुचारू करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि हमने विद्यार्थियों को विदेशों के कई विश्वविद्यालयों में प्रवासी राजस्थानी समुदाय की मदद से एडमिशन दिलवाने के प्रयास किए थे लेकिन विदेश मंत्रलय से उनको एनओसी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि हम निरंतर उन बच्चों के परिजनों के संपर्क में हैं तथा उनकी हर संभव मदद करने के लिए सरकारी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं।