नीति आयोग ने मिशन कोटड़ा की तर्ज पर शुरू किया ‘एस्पीरेशनल ब्लॉक’ प्रोग्राम
उदयपुर, 16 जनवरी। राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘सुशासन के लिए नवाचार’ श्रृंखला के तहत जिला कलक्टर ताराचंद मीणा की पहल पर उदयपुर में प्रारंभ किए गए ‘मिशन कोटड़ा’ की सफलता की कहानी केन्द्र सरकार तक पहुंच गई है और अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशों पर नीति आयोग द्वारा इसी तर्ज पर विकास मानकों को बढ़ावा देने के लिए ‘एस्पीरेशनल ब्लॉक (आकांक्षी ब्लॉक) प्रोग्राम प्रारंभ किया गया है।
जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने बताया कि गत दिनों ‘मिशन कोटड़ा’ के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजी गई थी। इसका गहन अध्ययन नीति आयोग द्वारा किया गया था और इस पर हाल ही में आयोग द्वारा ‘एस्पीरेशनल ब्लॉक’ प्रोगाम शुरू किया गया है। इस प्रोग्राम के तहत लक्षित विकास पहल के माध्यम से देश के सबसे पिछड़े ब्लॉकों में नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जाएगा। कार्यक्रम के तहत संबंधित ब्लॉक्स के स्वास्थ्य, पोषण, वित्तीय समावेशन और बुनियादी ढांचे सहित अन्य क्षेत्रों में प्रगति के लिए प्रयास किए जाएंगे।
केन्द्र सरकार ने चुना खेरवाड़ा’:
जिले में चलाए जा रहे ‘मिशन कोटड़ा’ की सफलता से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विकास मानकों को बढ़ावा देने के लिए देशभर के चयनित 500 ब्लॉक्स में एस्पीरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम (एबीपी) प्रारंभ किया। केन्द्रीय नीति आयोग के माध्यम से संचालित होने वाले इस कार्यक्रम में विभिन्न मानकों पर आवश्यकता वाले ब्लॉक के तहत उदयपुर जिले के खेरवाड़ा ब्लॉक का चयन किया गया है। कार्यक्रम विधिवत से शुरू होने के बाद खेरवाड़ा की लगातार विकास मानकों की मॉनिटरिंग करते हुए विकास कार्यक्रमों व लोकहितकारी कार्यक्रमों का संपादन किया जाएगा। इसी प्रकार प्रदेश की मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा द्वारा भी ‘मिशन कोटड़ा’ की सफलता के बाद जिले में डेटा बेस के आधार पर चयनित 5 ब्लॉक्स में से लसाडि़या व कोटड़ा का चयन किया।
पिछड़े ब्लॉकों के प्रदर्शन में सुधार के लिए शुरू हुआ एबीपी:
प्रधानमंत्री ने सरकार के जिस एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम की शुरुआत की है, उसका उद्देश्य विभिन्न विकास मानकों पर पिछड़े ब्लॉकों को विशिष्ट प्रयासों के माध्यम से विकास की मूलधारा में जोड़ना है। इस कार्यक्रम की घोषणा वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने अपने 2022-23 के बजट भाषण में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के विस्तार के रूप में की थी। इस प्रोग्राम का शुभारंभ मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान होगा, जिसमें कार्यक्रम का परिचय नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर द्वारा दिए जाने की उम्मीद है।
देश के 500 ब्लॉक्स में चयन:
इस कार्यक्रम के तहत, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण जैसे क्षेत्रों में उनके प्रदर्शन के आधार पर तिमाही रैंकिंग के लिए राज्यों के 500 ब्लॉकों की पहचान की गई है। इसके तहत राज्य और नीति आयोग रैंकिंग संकेतक स्थापित करने के लिए मिलकर काम करेंगे, निजी क्षेत्र भी इन ब्लॉकों के विकास में योगदान करने में सक्षम होंगे। एबीपी के लिए पहचाने गए 500 ब्लॉक पिछले साल सरकार द्वारा स्थापित चार सदस्यीय समिति की सिफारिशों के आधार पर चुने गए थे। इन ब्लॉकों का चयन अन्य जिलों की तुलना में विकास में निरंतर पिछड़ने के कारण किया गया था।
रैंकिंग के लिये मानदंडः
कलक्टर मीणा ने बताया कि एबीपी की रेंकिंग क्षेत्र के 5 प्रमुख सामाजिक-आर्थिक विषयों पर आधारित है। इसके तहत 49 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों में किये गए वृद्धिशील सुधारों के आधार पर रैंकिंग निर्धारित की जाती है। इसमें स्वास्थ्य और पोषण (30 प्रतिशत), शिक्षा (30 प्रतिशत), कृषि एवं जल संसाधन (20 प्रतिशत), वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास (10 प्रतिशत) तथा अवसंरचना (10 प्रतिशत) है।