अभिशाप है आधा जीना आधा  मरना – मुनि ‘मेधांश’

  विद्या भवन गांधी अध्ययन संस्थान में स्क़िल डवलपमेंट विद सोल टेक्नॉलजी कार्यशाला 
उदयपुर। विद्या भवन गांधी अध्यन संस्थान   में स्क़िल डवलपमेंट विद सोल टेक्नॉलजी केप्सूल कोर्स पर कॉलेज के छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए मुनि सुरेश कुमार के सहवर्ती मुनि संबोध कुमार मेधांश ने आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा लिखित क़ाव्य पंक्तियों के हवाले से कहा – जीना है तो पूरा जीना मरना है तो पूरा मरना बहुत बड़ा अभिशाप जगत में आधा जीना आधा मरना , ज़िंदगी है तो मुश्किलें भी होगी मुश्किलों से डर कर भागने की नहि प्रेरणाए चुनकर जागने की ज़रूरत है।
ज़िंदगी सिर्फ़ एक बार मौक़ा देती है इसलिए जो भी करे दिल से करे क्यूँकि बीता हुआ वक्त फिर से लौट कर नहीं आएगा
आज की शिक्षा बुरी नहीं बल्कि अधूरी है , इससे डॉक्टर, कलेक्टर तो जन्म ले रहे है मगर अच्छे इंसानो के निर्माण का उद्देश्य ग़ायब हो चुका है, जीवन विज्ञान शिक्षा के अधूरेपन को  भरता है ।
मुनि ने छात्र छात्राओं को तनाव मुक्ति, स्मृति विकास , सोम्य हस्त लेखन , संकल्प शक्ति के विकास के प्रयोग करवाते हुए कहा – ज़िंदगी क्रिकेट मैच की तरह है एक हारे तो जीत के दरवाज़े बंद नहीं होते  , बस खेलते रहना है , परिस्थितियाँ रोज़ परीक्षा  लेगी किसी भी परिस्थिति के सामने घुटने नहीं टेकना , लड़े बिना कोई भी समर जीता नहीं जा सकता ।
 स्वागत व मुनि का परिचय प्राचार्य डॉक्टर भगवती अहीर व आभार डॉक्टर तारा कुमावत ने ज्ञापित किया
इस अवसर पर सुषमा इंटोडिया, चंद्र प्रकाश जैन, कमलेश बंब, आशीष पोरवाल, हनी जैन, आशा पोरवाल, वैभव चौधरी, पिंकु खोखावत, रेखा जैन, प्रमोद जैन, गौरव चौधरी ने कोलेज़ प्रबंधन को साहित्य भेंट किया । कार्यक्रम के अंत में मुनि ने छात्र–छात्राओं के जिज्ञासाओं  का समाधान किया ।
By Udaipurviews

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